कांग्रेस नेता के घर के बाहर पिछले सात दिन से पुलिस डेरा जमा कर बैठी है। लेकिन नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर उन्हें कोई जानकारी नहीं मिल रही है कि आखिर वो हैं कहां। इस बीच वो एफआईआर सामने आ गई है, जिसकी वजह से सिद्धू अब तक लापता हैं।
तेजी से बदल रही है मौसम की चाल, 10 से ज्यादा जिलों में मौसम विभाग ने जारी किया रेड अलर्ट, जानें अपने इलाके का हाल कटिहार पुलिस ( Katihar Police ) ने बीते 24 जून को अमृतसर ( Amritsar ) स्थित नवजोत सिंह सिद्धू के बंगले पर नोटिस चिपका चुकी है। दरअसल पुलिस की एक टीम भड़काऊ भाषण देने के मामले में उनसे मिलना चाहती है और उनसे बेल बॉन्ड पर सिग्नेचर करवाना चाहती है, लेकिन 18 जून से ही बिहार पुलिस सिद्धू को ढूंढ ही नहीं पाई है। सिद्धू लगातार उनसे मिलने से कतरा रहे हैं।
ये कहती है FIR
जानकारी के मुताबिक ये मामला 15 अप्रैल साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान का है। जब कांग्रेस प्रत्याशी तारिक अनवर की अगुवाई में बारसोई थाना के उत्क्रमित उच्च विद्यालय धट्टा में जनसभा को संबोधित किया था।
इस दौरान भाषण में धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले कई शब्दों का प्रयोग करते हुए चुनावी जनसभा को संबोधित करने के खिलाफ सभा स्थल की निगरानी वाले मजिस्ट्रेट वीएसटी (VST) की ओर से उपलब्ध करवाए गए वीडियो को ध्यान में रखते हुए बारसोई थाना में 16/4/19 को मामला दर्ज करवाया गया था। जिससे जुड़े मामले में अब पुलिस सिद्धू से मिलना चाहती है।
अनलॉक-1 के बीच सरकार ने लिया सबसे बड़ा फैसला, रद्द कीं सभी प्रोफेशन-नॉन प्रोफेशनल एग्जाम, जानें अब क्या होगा आगे VST बारसोई द्वारा उपलब्ध रिकॉर्डिंग के सीडी देखने से स्पष्ट है कि श्री नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा निषेधाज्ञा का उल्लंघन करते हुए धर्म के आधार पर वोट मांगा गया है। (रिकॉर्डिंग की सीडी संलग्न) अतः अनुरोध है कि इस संबंध में नियमानुसार सुसंगत धाराओं के तहत आयोजक एवं श्री नवजोत सिंह सिद्धू के ऊपर प्राथमिकी दर्ज करने की कृपा की जाए।
एक्शन की तैयारी में पुलिस कटिहार के आरक्षी अधीक्षक विकास कुमार ( Katihar SP Vikas Kumar ) के मुताबिक इसी कांड के जांच के लिए जांच अधिकारी जनार्दन राम और जावेद आलम को अमृतसर भेजा गया है, लेकिन सिद्धू ने समन रिसीव नहीं किया है। अब जल्द ही कोई कदम उठाना होगा।