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नागरिकता संशोधन बिल
नागरिकता संशोधन बिल (Citizen amendment bill) गैर मुस्लिमों और प्रताड़ित शरणार्थियों के लिए राहत बनकर आया है। मोदी सरकार ने अपने संकल्प पत्र को पूरा करते हुए संसद के दोनों सदनों से बिल को पास करा लिया। इस बिल के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले प्रताड़ित हिंदू, जैन, पारसी, सिख, ईसाई और बौद्ध शरणार्थियों को भारत की नागरिकता मिलने में आसानी होगी। पहले नागरिकता के लिए भारत में 11 साल रुकना पड़ता था, लेकिन अब बिल में बदलाव करके इसे 6 साल कर दिया गया है।
मोदी सरकार नागरिकता संशोधन बिल लाकर जिस तरीके से आगे बढ़ी है उसने राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है। विपक्षी पार्टियों ने इस बिल का कड़ा विरोध किया है। वहीं कई संगठनों द्वारा इसका विरोध किया जा रहा है। खासकर पूर्वोत्तर में इस बिल का जोरदार तरीके से विरोध हो रहा है। पूर्वोत्तर के असम, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, मणिपुर में लोग सड़कों पर उतरकर हिंसक प्रदर्शन कर रहे हैं। कांग्रेस, टीएमसी समेत विपक्ष की कई दलों ने आरोप लगाया कि ये बिल भारत के संविधान के खिलाफ है और आर्टिकल 14 का उल्लंघन करता है। वहीं, सरकार ने कहा कि इस बिल को हर पैमाने पर परखा गया है, ना ही ये बिल संविधान के खिलाफ है और ना ही अल्पसंख्यकों के विरुद्ध।
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जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाना
अपने पहले कार्यकाल से ही प्रमुख एजेंडे में शामिल अनुच्छेद 370 ( Article 370 ) को हटाने के लिए मोदी सरकार ने इसी साल ऐतिहासिक कदम उठाया। सरकार ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया। 5 अगस्त 2019 को मोदी सरकार ने राज्य से अनुच्छेद 370 खत्म कर सभी को चौंका दिया। अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेश में बांटा गया। पहला- जम्मू-कश्मीर और दूसरा- लद्दाख। हालांकि जम्मू कश्मीर के पास अपना विधानसभा होगी। लेकिन लद्दाख के पास विधानसभा नहीं होगी।
सरकार नागरिकता संशोधन बिल (CAB), अयोध्या रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद से पहले अनुच्छेद 370 खत्म कर जिस तरह मोदी सरकार आगे बढ़ी है उस पर भी देश में सियासी घमासान मचा। अनुच्छेद 370 खत्म होने पर सियासी घमासान चरम पर रहा। इस दौरान जम्मू-कश्मीर (Jammu-kashmir) के कई नेता हिरासत में लिए गए हैं। जो अभी भी नजरबंद हैं। इसमें फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती, शाह फैसल समेत कई नेता शामिल हैं। विपक्षी दलों ने सरकार पर कश्मीरियों के साथ भेदभाव का आरोप लगाया। विपक्षी दलों की ओर से यह मामला सुप्रीम कोर्ट में भी रखा गया है। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई चल रही है।
अनुच्छेद 370 हटने पर अब ये हुआ बदलाव:
-जम्मू-कश्मीर में अब भारतीय संविधान लागू होगा
-5 साल का विधानसभा का कार्यकाल
-भारत का झंडा पहराया जाएगा
– दोहरी नागरिकता खत्म जाएगी
-वित्तीय आपातकाल लागू होगा
– कश्मीर में अल्पसंख्यकों को मिलेगा आरक्षण
– बाहरी लोग जम्मू-कश्मीर में जमीन संपत्ति खरीद पाएंगे
-आरटीआई, सीएजी जैसे कानून लागू होंगे
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तीन तलाक बना कानून
मोदी सरकार (Modi Govt) दूसरी बार सत्ता में आते ही सबसे पहले मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से आजादी दिलाने के लिए बड़ा कदम उठाया। मोदी सरकार ने तीन तलाक को अपराध घोषित करते हुए संसद के दोनों सदनों से ‘मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक-2019’ को पारित करा लिया। तीन तलाक के खिलाफ मुस्लिम महिलाएं काफी लंबे समय से आवाज उठा रही थीं । लेकिन किसी भी सरकार के द्वारा इस कानून को अमलीजामा नहीं पहनाया गया। मदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के 100 दिन के अंदर ही तीन तलाक विधेयक को कानून बनाकर सभी को चौंका दिया। तीन तलाक देने वाले पति को तीन साल तक की जेल का प्रावधान है।
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घुसपैठियों की पहचान के लिए NRC लागू
अपने चुनावी घोषणा पत्र में किए वादे को पूरा करते हुए मोदी सरकार ने देश में अवैध रूप से रह रहे लोगों की पहचान करने के लिए NRC रजिस्टर तैयार किया। सरकार ने असम में NRC लागू कर सभी को चौंका दिया। भाजपा एनआरसी लागू करने की मांग काफी लंबे समय से उठाती रही थी। पूर्वोत्तर में एनआरसी लागू होन के बाद भाजपा इसे देशभर में लागू कराने की तैयारी में जुटी है।
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मोटर व्हीकल एक्ट लागू किया गया
मोदी सरकार 2.0 ने पुराने मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन कर नया मोटर व्हीकल विधेयक पारित किया। 1 सितंबर से नए मोटर व्हीकल एक्ट को लागू किया गया। नए मोटर व्हीकल एक्ट में जुर्माना की रकम कई गुना बढ़ा दी गई है। शराब पीकर वाहन चलाने पर 10 हजार रुपए जुर्माना देने का प्रावधान है। बिना लाइसेंस ड्राइविंग करने पर 500 रुपए के बजाए 5 हजार रुपए दंड भरने होंगे। साथ ही रैश ड्राइविंग पर जुर्माना 1 हजार से बढ़ा कर 5 हजार रुपए कर दिया गया है। इसके अलावा बाइक पर बिना हेलमेट पहनने पर 1000 हजार रुपए का जुर्माना भरना होगा। चारपहिया वाहन में बिना सीटबेल्ट ड्राइविंग करने पर 100 रुपये से बढ़ा कर 1000 रुपये जुर्माना लगेगा।
सरकारी बैंकों का विलय
मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में सरकार बैंकों को विलय करने का भी फैसला लिया। 30 अगस्त 2019 को मोदी ने 10 सरकारी बैंकों के विलय कर चार बड़े बैंक बनाने का ऐलान किया। 2017 में देश में 27 सरकारी बैंक थे। लेकिन सरकार के फैसले के बाद अब 12 सरकारी बैंक होंगे।