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केरल में जानलेवा निपह वायरस की पुष्टि, लक्षण दिखते ही ऐसे करें बचाव

केरल में जानलेवा निपह वायरस की पुष्टि हुई
हेल्थ मिनिस्टर के. शैलजा ने इसकी पुष्टि की
निपह वायरस (एनआईवी) की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई

Jun 04, 2019 / 05:25 pm

Mohit sharma

nipah virus

केरल में जानलेवा निपाह वायरस की पहचान, लक्षण दिखते ही ऐसे करें बचाव

नई दिल्ली। केरल में जानलेवा निपह वायरस की पुष्टि हुई है। राज्य की हेल्थ मिनिस्टर के. शैलजा ने मंगलवार को इसकी पुष्टि की। इस दौरान उन्होंने कहा कि कोच्चि के पास इलाज करा रहे युवक की निपह वायरस (एनआईवी) की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इस जांच की पुष्टि पुणे की नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वीरोलॉजी ने की।

घबराने की कोई जरूरत नहीं

हेल्थ मिनिस्टर शैलजा ने यह भी आश्वासन दिया कि इस इमरजेंसी से निपटने के लिए राज्य सरकार की ओर से पर्याप्त व्यवस्था की गई है। जिसके चलते लोगों को घबराने की कोई जरूरत नहीं है। सोमवार को युवक की जांच रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा था। एर्नाकुलम स्वास्थ्य प्रशासन ने कहा कि युवक का इलाज कोच्चि के निकट एक निजी अस्पताल में चल रहा है।

22 मामलों में 12 लोगों की मौत

आपको बता दें कि पिछले साल मई में कोझिकोड और मलाप्पुरम जिलों में निपह (एनआईवी) वायरस के 22 मामलों में 12 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद लोगों में इसका भारी डर बैठ गया है। खतरनाक निपाह वायरस लोगों के दिमाग को नुकसान पहुंचाता है।

रोग की पहचान 2001 में

दरअसल, निपह वायरस कशेरुकी जानवरों से मनुष्यों तक फैलती है। इस जानलेवा रोग की पहचान 2001 में और फिर 2007 में पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में की गई थी। अब केरल में हुई पुष्टि के बाद राज्य के बाहर के लोगों को प्रभावित क्षेत्रों की यात्रा करने व किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क से परहेज रखने की हिदायत दी गई है।

अत्यधिक देखभाल की जरूरत

डॉक्टर्स के अनुसार निपह से संक्रमित व्यक्ति एक से दो दिनों के भीतर कॉमेटोज हो सकता है। अभी तक के आंकड़ों के अनुसार निपाह एन्सेफेलाइटिस की मृत्यु दर 9 से 75 प्रतिशत तक दर्ज किया गया है। चूंकि निपाह वायरस संक्रमण का कोई प्रभावी इलाज नहीं है। इसलिए इसके इलाज का मुख्य आधार बुखार और तंत्रिका संबंधी लक्षणों के प्रबंधन पर केंद्रित है। निपाह से संक्रमित व्यक्ति को अत्यधिक देखभाल की जरूरत होती है।

सऊदी अरब ने आयात पर लगा दिया प्रतिबंध

सऊदी अरब ने घातक निपह वायरस के प्रकोप के मद्देनजर केरल के फ्रोजेन एवं संसाधित फलों और सब्जियों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है। ‘गल्फ न्यूज’ की सोमवार की रिपोर्ट के अनुसार, निपाह वायरस स्वयं एंसेफेलाइटिस (मस्तिष्क की खतरनाक सूजन) का कारण बन सकता है और इसके सामान्य लक्षण बुखार, खांसी, सिरदर्द, सांस की तकलीफ और भ्रम जैसे लक्षणों से अलग नहीं होते हैं।

100 टन फल व सब्जियों के प्रवेश को प्रतिबंधित

29 मई को सऊदी अरब अमीरात (यूएई) ने केरल से आयात होने वाली वस्तुओं पर प्रतिबंध लगाया था। संयुक्त अरब अमीरात के अधिकारियों ने कहा था कि केरल से आयात किए जाने वाले 100 टन फल व सब्जियों के प्रवेश को प्रतिबंधित कर दिया गया है। यूएई की स्वास्थ्य प्रदाता कंपनी वीपीएस हेल्थकेयर ने केरल सरकार को निपाह से लड़ने के लिए विमान से चिकित्सीय सामग्री भेजी है।

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