यह ऐसा क्षण जब पूरी दुनिया की निगाहें ‘विक्रम’ पर टिकी रहेंगी।
यहां चौंकाने वाली बात यह है कि लैंडिग के अंतिम क्षणों में देश की सवा अरब आबादी की धड़कनें एक बार को थम सी जाएंगी।
दरअसल, चांद की सतह पर लैंडिग के अंतिम 15 मिनट में चंद्रयान-2 अपनी अग्नि परीक्षा से गुजरने वाला है।
लैंडर ‘विक्रम’ की यही सॉफ्ट लैंडिग मून मिशन की सफलतान की कहानी गढ़ेगी।
आपको बता दें कि अंतिम 15 मिनट का समय न केवल कई मायनों में अति महत्वपूर्ण है, बल्कि इसरो ( Indian Space Research Organization ) के स्पेस साइंटिस्ट को यह डरा भी सकता है।
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आज रात 1.05 बजे के ‘विक्रम’ की गति लगभग 6 किलोमीट प्रति सकेंड की होगी। यह यूं कहें कि लैंडर विक्रम की यह स्पीड 21600 किलोमीटर प्रति घंटे की रहेगी।
चांद की सतह पर ऐन पहुंचने से पहले अंतिम 15 मिनट के ‘विक्रम’ की स्पीड को एक दम से मंद कर दिया जाएगा।
जानकारी के अनुसार विक्रम की मौजूदा स्पीड 6 किलोमीट प्रति सकेंड से केवल 2 मीटर प्रति सकेंड पर लाया जाएगा।
एक्सपर्ट की मानें तो अचानक इतनी स्पीड कम करना वैज्ञानिकों के लिए सबसे बड़ी परीक्षा होगी।