हालांकि भारतीय किसान युनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने प्रियंका गांधी के पंचायतों में शामिल होने पर कहा कि वह पंचायत में जा रहीं है तो हम किसको रोक सकते हैं, पंचायत करनी चाहिए सबको। प्रियंका दिल्ली में ही बैठी हैं तो यहां ही क्या करें? गांव में घूमने जाना चाहिए। लेकिन महापंचायतों में राजनीतिक दखल के लिए किसान पहले ही मना कर चुके थे ? इस सवाल के जवाब में टिकैत ने कहा कि हम थोड़ी महापंचायत करा रहे हैं। वे अपनी पंचायत कर रहें होंगे, हमारी यूनियन की नहीं है।
महापंचायत जो हो रही है क्या वे किसान नहीं है ? इसपर टिकैत ने कहा कि कोई जा रहा है और पंचायत का नाम ले रहा है तो पंचायत शब्द पर बैन थोड़ी न है, पंचायत सभी को करनी चाहिए। प्रियंका गांधी एक हफ्ते के अंदर दूसरी बार यूपी दौरे पर हैं। इससे पहले, 10 फरवरी को प्रियंका गांधी ने सहारनपुर के चिलकाना में किसान महापंचायत को संबोधित किया था और अब वे यूपी के बिजनौर पहुंची हुई हैं।
दरअसल तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान पिछले साल 26 नवंबर से राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020, मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 पर किसान सशक्तिकरण और संरक्षण समझौता हेतु सरकार का विरोध कर रहे हैं।