इसी कड़ी में भारतीय रेलवे का एक और बड़ा कारनामा सामने आया है। दरअसल कोरोना महामारी के दौरान उत्तर रेलवे की तरफ से फिरोजपुर मंडल के अधीन लुधियाना में बैटरी के साथ चलने वाला लोकोमोटिव इंजन बना कर तैयार कर दिया गया है। खास बात यह है कि इसको आत्म निर्भरता की बड़ी मिसाल बताया जा रहा है। लॉकडाउन के सिर्फ एक महीने में रेलवे ने ये खास इंजन तैयार किया है।
गणेश चतुर्थी से पहले सामने आई बप्पा की अद्भुत प्रतिमा, हाथ आगे बढ़ाने पर मिलता है आशीर्वाद पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान को लेकर लगातार काम किया जा रहा है। इसी कड़ी में भारतीय रेलवे भी पीछे नहीं है। कोरोना महामारी में लॉकाडउन के एक महीने के दौरान उत्तर रेलवे की तरफ से फिरोजपुर मंडल के अधीन लुधियाना में बैटरी के साथ चलने वाला लोकोमोटिव इंजन बना कर तैयार किया है।
इस इंजन की खासियत यह है कि यह 15 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार के साथ शंटिंग का काम करेगा। लुधियाना रेलवे के आशीष वर्मा और मोहन स्वरूप सीनियर इंजीनियर इलेक्ट्रिक ने बताया कि इस इंजन को लॉकडाउन के दौरान 1 महीने के समय में तैयार किया गया है।
अधिकारियों की मानें तो इस इंजन को तैयार करने के लिए 6 सदस्यों की विशेष टीम बनाई गई थी, जिन्होंने एक महीना दिन-रात मेहनत करने के बाद इसको तैयार किया है।
मानसून को लेकर मौसम विभाग ने जारी किया बड़ा अलर्ट, देश के इन राज्यों में अगले कुछ घंटों में होगी जोरदार बारिश दरअसल मंडल की ओर से वर्ष 1975 में तैयार किए गए इंजन के मॉडल को अपग्रेड किया गया है। उत्तर भारत का पहला ऐसा इंजन तैयार किया गया है जो 15 किमी प्रति घंटा की रफ्तार के साथ शंटिंग का काम करेगा।
फिलहाल इस इंजन को केवल अंदरूनी कामों के लिए इस्तेमाल किया जाएगा, लेकिन आने वाले कुछ वर्षों में रेलवे इस सैक्टर में आगे बढ़ेगा और फिर यात्रियों वाले इंजन की भी बैटरियों के साथ चला करेंगे।