अंडमान का नॉर्थ सेंटीनलः जानिए 60 हजार साल पुराने कबीले की चौंकाने वाली बातें
नई दिल्ली। पिछले सप्ताह अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के नॉर्थ सेंटीनल द्वीप पर एक अमरीकी नागरिक जॉन एलन चाऊ (26) की हत्या सेंटीनलीज आदिवासियों ने कर दी थी। इसके बाद अंडमान पुलिस चाऊ के शव को लाने की कोशिश कर रही है। हालांकि आदिवासियों के हितों के लिए काम करने वाले गैर सरकारी संगठन ने ऐसा न करने का अनुरोध किया है।
जानिए 60 हजार साल पुराने कबीले की चौंकाने वाली बातें दरअसल, बीते 16 नवंबर को नॉर्थ सेंटीनल द्वीप पर जाने की कोशिश के दौरान वहां रहने वाले सेंटीनलीज ने अमरीकी नागरिक जॉन एलन चाऊ की हत्या कर दी थी। बाहरी इंसानों के प्रवेश के लिए प्रतिबंधित इस द्वीप पर चाऊ पहले भी कई बार आ चुके थे और बताया जा रहा है कि वो यहां ईसाई धर्म का प्रचार करने के लिए अवैध तरीके से आए थे। उन्हें द्वीप पर छोड़ने वाले मछुआरों ने सेंटीनलीज को उनकी हत्या करते हुए देखा था। इसके बाद पुलिस ने सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सर्वाइवल इंटरनेशनल एनजीओ ने का कहना है कि जॉन एलन चाऊ के शव को लाने जैसी कोशिशें भारतीय पुलिस और सेंटीनल आदिवासियों के लिए खतरनाक साबित हो सकती हैं। संस्था ने चेतावनी दी कि यदि आदिवासियों को इनसे कोई बीमारी लग गई, तो वे ‘खत्म’ हो जाएंगे।
एनजीओ द्वारा जारी बयान में कहा गया कि फ्लू-खसरा या अन्य बाहरी बीमारी के घातक महामाही में तब्दील होने का खतरा बहुत वास्तविक है। इस तरह से किसी संपर्क के साथ यह खतरा और बढ़ता है।
गौरतलब है कि रविवार को इस द्वीप पर चाऊ का शव ढूंढ़ने के प्रयास किए गए थे। इस दौरान अधिकारियों का तीन-चार आदिवासियों से सामना हुआ। मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि जिस स्थान पर चाऊ के शव होने का अंदेशा था, अधिकारी बोट से वहां पहुंचे। वहां तीन-चार आदिवासियों की गतिविधियां चल रही थीं, जिसके चलते पुलिस वहां तट पर नहीं उतर सकी।
पुलिस के मुखिया दीपेंद्र पाठक का कहना था कि तट से 400 मीटर पहले अधिकारियों ने दूरबीन से देखा कि कुछ लोग तीर-कमान लिए हुए वहां घूम रहे थे। इन्हीं तीरों से आदिवासियों ने चाऊ की हत्या की थी। आदिवासी पुलिसवालों की तरफ ही देख रहे थे और अपनी नजरें गड़ाए बैठे थे। इसके बाद आदिवासियों से किसी तरह का टकराव न हो, इसलिए नाव वापस मोड़ ली गई थी। पुलिस यह भी ध्यान रखे हुए है कि सेंटीनलीज में किसी तरह का डर न फैले।