गुरुग्राम के जिला मजिस्ट्रेट अमित खत्री ने कहा कि वह अदालत के आदेश का पालन कर रहे हैं और उसी के अनुसार कानून प्रवर्तन एजेंसियों को निर्देश दिया गया है।
ढील मिलने के बाद, सरहुल टोल प्लाजा पर दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे ( Delhi-Gurugram Expressway ) के बैरिकेड्स पर वाहनों को सड़कों पर रोका गया और वैध पहचान पत्र या अनुमति पत्र दिखाने के बाद एक-एक करके प्रवेश कराया गया। इसी तरह के दृश्य एमजी रोड पर नाथूपुर सीमा पर दिखाई दिया।
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सीमाओं पर तैनात हरियाणा पुलिस ने दिल्ली से गुरुग्राम की ओर जाने के लिए एक लेन खोल दी है और गुरुग्राम में प्रवेश करने से पहले यात्रियों की अच्छी तरह से जांच कर रही है।
उच्च न्यायालय के निर्देश से दिल्ली जल बोर्ड, एमसीडी, डॉक्टरों, नर्सों, पैरामेडिक्स, सब्जी और फल विक्रेताओं और दिल्ली में आवश्यक सेवाओं से जुड़े अन्य व्यक्तियों के कर्मचारियों को बड़ी राहत मिली है।
दिल्ली के दक्षिण जिले के कांस्टेबल संजीव कुमार ने कहा कि मैं अपने परिवार से मिलने के लिए घर जाने के लिए पिछले एक महीने से इंतजार कर रहा हूं।
अब, मैं अदालत के हस्तक्षेप के बाद गुरुग्राम स्थित घर जा सकता हूं।
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उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली पुलिस की स्ट्रेंथ 80,000 है और उनमें से आधे हरियाणा से ताल्लुक रखते हैं। यह मेरे जैसे व्यक्ति के लिए बहुत बड़ी राहत होगी।
जिनका घर एनसीआर के जिलों में है। हरियाणा सरकार ने झज्जर जैसे कुछ ग्रीन जोन जिले के रेड जोन में आने, सोनीपत, फरीदाबाद और गुरुग्राम में भी कोरोनावायरस के मामलों में वृद्धि के बाद अप्रैल के अंतिम हफ्ते में दिल्ली- हरियाणा सीमा को सील कर दिया था।
दिल्ली के आजादपुर मंडी जाने वाले गुरुग्राम के कई फल और सब्जी विक्रेता संक्रमित पाए गए हैं।