स्थानीय लोगों के मुताबिक हादसे के वक्त समय बिल्डिंग में कंस्ट्रक्शन काम चल रहा था। मजदूर अपने—अपने आम काम लगे हुए थे, तभी एकाएक इमारत भरभरा कर गिर गई। इमारत गिरते ही मौके पर ची चीख पुकार मच गई। घटना की जानकारी तुरंत में पीसीआर को जानकारी दी गई। तभी मौके पर पहुंची पुलिस ने मौके पर पहुंच स्थानीय लोगों की मदद से राहत कार्य शुरू किया। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने प्रत्येक मृतक के परिवार को 3-3 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है।
125 वर्ग गज के भूखंड पर बनी इमारत
गुरुग्राम के अग्निशमन विभाग के मुताबिक, उल्लावास गांव के एक ग्रामीण ने तड़के 5.15 बजे फोन कर घटना की सूचना दी। गुरुग्राम के मुख्य अग्निशमन अधिकारी ईशम सिंह के अनुसार अर्ध-निर्मित तीन मंजिला इमारत की चौथी मंजिल पर कंक्रीट की छत रखी गई थी, जो पहले ढही और फिर फौरन ही पूरी इमारत के ढहने का कारण बनी। गुरुग्राम पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि 125 वर्ग गज के भूखंड पर बनी इस इमारत का मालिकाना हक उसी गांव के निवासी दया राम के पास है।
मरने वालों में से तीन की पहचान
गुरुग्राम पुलिस के पीआरओ सुभाष बोकन ने कहा कि वह अभी फरार है। पुलिस ने उसके खिलाफ आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। इमारत ढहने के बाद राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ), दमकल विभाग, पुलिस और जिला प्रशासन को बचाव कार्य के लिए बुलाया गया था। मरने वालों में से तीन की पहचान कुलदीप (32), विशाल (17), अल्ताफ (24) के रूप में हुई है। तीनों उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर जिले के रहने वाले थे। एक अन्य 22 वर्षीय आनंद बिहार के समस्तीपुर का रहने वाला था।