सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने इस मामले में गूगल की निंदा की है। हालांकि बाद में गूगल की ओर से ‘भारत में सबसे भद्दी (अगलिएस्ट) भाषा’ पूछे जाने पर अपने सर्च इंजन पर आने वाले जवाब से कन्नड़ को हटा लिया। कंपनी ने लोगों से इस मामले में खेद जताते हुए कहा कि सर्च के परिणाम में उसकी राय नहीं होती।
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गूगल फोटो ऐप पर 15 जीबी से अधिक स्टोरेज पर देना होगा शुल्क, एक माह के लिए 130 रुपए में मिलेगी 100 जीबी का प्लान एक्शन मोड में कर्नाटक सरकारकर्नाटक के कन्नड़, संस्कृति और वन मंत्री अरविंद लिंबावली ने कहा कि गूगल को उक्त प्रश्न का यह जवाब देने के लिए कानूनी नोटिस भेजा जाएगा।
मंत्री ने ट्विटर पर भी अपनी नाराजगी जाहिर की और गूगल से कन्नडिगा लोगों से माफी मांगने को कहा। लिंबावली ने ट्वीट किया कि कन्नड को खराब तरह से दिखाना महज कन्नडिगा लोगों के गौरव को अपमानित करने का गूगल का प्रयास है।
‘मैं गूगल से कन्नड़ और कन्नडिगा से तत्काल माफी मांगने को कहता हूं। हमारी खूबसूरत भाषा की छवि खराब करने के लिए गूगल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।’
यह भी पढ़ेंः Weather Update: केरल पहुंचा Monsoon, जानिए आपके राज्य में कब देगा दस्तक पूर्व सीएम कुमारस्वामी भी नाराजपूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने ट्वीट करके गूगल की निंदा की। उन्होंने सवाल किया कि- ‘क्या भाषा के लिहाज से गूगल ‘गैरजिम्मेदाराना तरीके से बर्ताव’ करता है।
बेंगलूरु मध्य से भाजपा सांसद पी सी मोहन समेत अन्य नेताओं ने भी गूगल की निंदा करते हुए उससे माफी मांगने को कहा। गूगल प्रवक्ता ने दी सफाई
विवाद बढ़ता देख गूगल के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘सर्च हमेशा पूरी तरह परिपूर्ण नहीं होती। कई बार इंटरनेट पर उल्लेखित सामग्री के विशेष सवालों के लिए आश्चर्यजनक परिणाम हो सकते हैं।’
उन्होंने कहा- ‘हम जानते हैं कि यह आदर्श नहीं है, लेकिन जब हमें किसी मुद्दे से अवगत कराया जाता है तो हम तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई करते हैं और अपने अल्गोरिद्म को सुधारने के लिए लगातार काम करते हैं।
स्वाभाविक रूप से इनमें गूगल की अपनी राय नहीं होती और हम इस गलतफहमी के लिए और किसी की भी भावनाओं को आहत करने के लिए खेद जताते हैं।’