भारत में कोरोना के तांडव के बीच अच्छी खबर, टॉप डॉक्टर ने बताया कैसे रहें सुरक्षित
भले ही आप और आपके करीबी कोरोना वायरस से संक्रमित, भयभीत या बचे हुए हैं, लेकिन देश के मौजूदा हालात के बीच दिग्गज डॉक्टर की यह खुशखबरी और सुरक्षा के लिए दिए गए टिप्स आपको फील गुड कराएंगे।
Good News amid rising Coronavirus Cases in India, recovery rate reached 78%
नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस की नई लहर ने कोहराम मचाया हुआ है। जिसे देखो वह या उसका कोई करीबी संक्रमित पाया जा रहा है। ना जाने कितने ऐसे हैं जिन्होंने कोरोना का टेस्ट ही नहीं कराया है, लेकिन उन्हें पूरा विश्वास है कि वे संक्रमित हैं और खुद को आइसोलेट कर चुके हैं। ऐसे वक्त में जब देश में रोजाना कोरोना वायरस के अब तक के सर्वाधिक दो लाख से ज्यादा रिकॉर्डतोड़ नए केस सामने आ रहे हैं, खुद को सुरक्षित रखना बेहद जरूरी हो जाता है। इसके साथ ही कोरोना महामारी को लेकर फैले डर को भी खत्म करने की जरूरत है। इसलिए आज आपको बताते हैं देश के टॉप डॉक्टर कोरोना के इस दौरान में आपको क्या सलाह देते हैं और कौन सी खुशखबरी सुनाते हैं।
coronavirus Impact: मत पढ़िए इस मुस्कुराती डॉक्टर की कहानी, कोरोना वायरस रोज दे रहा है दर्दभरी निशानी सबसे पहले तो आपको बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के डैशबोर्ड के मुताबिक रविवार को देश में रिकॉर्ड 2,61,500 नए कोविड-19 केस सामने आए और 1,501 मौतें हुईं। फिलहाल देश में कोरोना के कुल मामलों की संख्या 1.47 करोड़ पहुंच चुकी है 1,77,150 लोगों की मौत हो गई है। देश में फिलहाल कोरोना के सक्रिय मामले 18,01,316 हो गए हैं और 1,28,09,643 लोग डिस्चार्ज किए जा चुके हैं।
घातक कोरोना वायरस बीमारी की दूसरी लहर की चपेट में भारत फिलहाल नए मामलों और मौतों की सुनामी देख रहा है। जहां बीते 5 अप्रैल को देश में पहले कभी नहीं देखी गई 1,00,000 दैनिक नए मामलों की संख्या ने सरकार को हैरानी में डाल दिया। वहीं, ठीक 10 दिन बाद 15 अप्रैल को यह रिकॉर्ड भी टूट गया, जब 2,00,000 से अधिक नागरिकों को 24 घंटे के भीतर कोरोना पॉजिटिव पाया गया। तब से लगातार रोजाना रिकॉर्डतोड़ मामले सामने आ रहे हैं।
राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के अस्पतालों और चिकित्सा सुविधाओं पर काफी बोझ बढ़ चुका है और बेड, ऑक्सीजन की आपूर्ति और आवश्यक दवाओं की कमी की शिकायतें सामने आ रही हैं। ऐसे नाजुक वक्त में भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार के विजय राघवन ने माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर पर कई ट्वीट्स की एक श्रंखला शेयर की, जिसमें मुंबई के टाटा मेमोरियल अस्पताल के निदेशक और थोरेसिक (छाती रोग) सर्जन डॉ. सीएस प्रमेश द्वारा मौजूदा हालात को लेकर दी गई महत्वपूर्ण सलाह, चेतावनी और खुशखबरी हैं।
1. (टिप्स) डॉ. प्रमेश ने कहा कि लोगों को चाहिए कि संक्रमित होने से बचने के लिए वे जो कुछ भी कर सकते हैं, करते रहें। अगर वे संक्रमित हैं, तो उन्हें अपने और दूसरों के प्रतिकूल नतीजों को कम करना चाहिए।
2. (बेसिक्स जरूरी) उन्होंने बताया कि संक्रमित होने से बचने के लिए “कोई जादू की गोली” नहीं है, लेकिन लोगों को मूल बातों का पालन करना चाहिए। 3. (तीन डब्लू) डॉ. प्रमेश ने लोगों से उन सभी सावधानियों का पालन करने का आग्रह किया जो मददगार मानी जाती हैं। उन्होंने लिखा, “इनमें मास्क (जब भी आप घर पर न हों और अकेले न हों), जिस हद तक संभव हो शारीरिक दूरी, और बार-बार हाथ धोना शामिल हैं। यानी 3 Ws- वियर अ मास्क, वाच योर डिस्टेंस, वाश योर हैंड्स।”
जरूर पढ़ें: होम आइसोलेशन में रहने वाले COVID-19 मरीजों के लिए जल्द ठीक होने का रामबाण नुस्खा4. (दूरी है जरूरी) सोशल डिस्टेंसिंग के संबंध में शीर्ष चिकित्सक ने सुझाव दिया कि छह फीट बेहतर है, लेकिन न्यूनतम तीन फीट की दूरी बनाए रखी जानी चाहिए। उन्होंने लोगों से भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचने और दूसरों से तब तक ना मिलने का आग्रह किया जब तक यह “केवल बहुत ज्यादा जरूरी ना हो तो”।
5. (वैक्सीन) डॉ. प्रमेश ने यह कहते हुए लोगों से जल्द से जल्द कोविड-19 बीमारी के खिलाफ वैक्सीन लगवाने का आग्रह किया, कि यह (टीकाकरण) संक्रमित होने को 70-80 फीसदी तक और गंभीर बीमारी की संभावना को 90 फीसदी तक कम करता है। टीकों के दुष्प्रभावों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, “हमने रक्त के थक्कों आदि के बारे में सुना है। हां, ऐसा होता है, लेकिन वे बेहद ही इक्का-दुक्का घटनाएं हैं और टीका लेने के लाभ जोखिम को काफी कम करते हैं।”
6. (तैयारी) उन्होंने कहा कि लोगों को संक्रमित होने से पहले ही अच्छी तरह से तैयार होना चाहिए। उन्होंने लिखा, “घर पर रखने के लिए एक थर्मामीटर और एक पल्स ऑक्सीमीटर खरीदें। ये वो दो महत्वपूर्ण उपकरण हैं जो आपको संक्रमित होने की स्थिति में चाहिए होंगे।”
7. (खुशखबरी) अगर कोई व्यक्ति संक्रमित हो जाता है तो डॉक्टर ने कहा कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि 98 फीसदी लोग बिना किसी प्रमुख समस्या के ठीक हो जाते हैं। डॉ. प्रमेश ने ऐसे लोगों को खुद को दूसरों से आइसोलेट करने का आग्रह किया।
9. (रेमेडेसिविर) राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा रेमेडेसिविर और टोसीलिज़ुमाब की कमी पर नाराजगी व्यक्त करते हुए, उन्होंने कहा कि ये दवाएं केवल बहुत सीमित हालात में फायदेमंद हैं। लोग अपने चिकित्सकों को यह तय करने दें कि क्या इन दवाओं को दिया जाना चाहिए।
10. (सावधानी) डॉ. प्रमेश ने बताया कि सभी सावधानी बरतने और टीका लगने के बावजूद भी एक व्यक्ति कोविड-19 पॉजिटिव पाया जा सकता है। उन्होंने कहा, “याद रखें, इसमें से कोई भी 100 फीसदी प्रभावी नहीं है- लेकिन 70 से 95 फीसदी प्रभावी 0% की तुलना में पूरी तरह से बेहतर है।”