मंत्रालय ने 28 दिसंबर की अपनी अधिसूचना में कहा है कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) या ट्राई-सर्विसेज प्रमुख 65 साल की आयु तक सेवा दे सकेंगे। इसमें कहा गया, “बशर्ते की केंद्र सरकार अगर जरूरी समझे तो जनहित में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की सेवा को विस्तार दे सकती है।”
जनरल बिपिन रावत, सेना प्रमुख पद से 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त होंगे। मौजूदा नियमों के अनुसार, तीन सेवाओं के प्रमुख 62 साल की आयु तक या तीन साल तक सेवा दे सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 24 दिसंबर को सीडीएस पोस्ट और इसके चार्टर व ड्यूटीज को मंजूरी दे दी थी।
पिछसे सप्ताह इस बात की धोषणा करते हुए केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पद चार स्टार जनरल रैंक के सैन्य अधिकारी का होगा। जावड़ेकर ने कहा कि सीडीएस सैन्य विभाग के प्रमुख भी होंगे। देश की तीनों सेनाएं सैन्य विभाग के तहत आएंगी।
माना जा रहा है कि बिना रक्षा सचिव से मिले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ रक्षामंत्री से मिल सकेंगे और सेना की किसी भी जरूरी कामकाज को निपटा सकेंगे।
गौरतलब है कि बीते 15 अगस्त को पीएम मोदी ने लाल किले से चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ पद के सृजन की घोषणा की थी। इस पद पर सेना के सबसे वरिष्ठ अधिकारी की नियुक्त होनी थी।
पहली बार देश के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बने जनरल रावत को दिसंबर 1978 को आईएमए देहरादून से 11वीं गोरखा राइफल्स की पांचवीं बटालियन में कमिशन मिला था।
रावत पूर्वी क्षेत्र की लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के साथ इंफैंट्री बटालियन, राष्ट्रीय राइफल सेक्टर, कश्मीर घाटी की इंफैंट्री डिविजन और पूर्वोत्तर में कॉर्प्स को कमांड कर चुके हैं।
इसके अलावा उन्होंने डेमोक्रैटिक रिपब्लिक ऑफ कॉन्गो (एमओएनयूसी) के चैप्टर सेवेन मिशन की मल्टीनेशनल ब्रिगेड को भी कमांड किया है। बिपिन रावत को 31 दिसंबर 2016 को चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ के पद पर नियुक्त किया गया था।