अब्दुल्ला-महबूबा कौन होते हैं भारत पर पाक से बात करने का दबाब बनाने वाले: जीडी बक्शी
नई दिल्ली। फारूक अब्दुल्लाह, महबूबा मुफ्ती ( mehbooba mufti ) और हुर्रियत वाले कौन होते हैं भारत को पाकिस्तान से बात कराने पर मजबूर करने वाले, इनकी क्या औकात। यह शब्द पूर्व जनरल जीडी बक्शी ( G. D. Bakshi ) ने पत्रिका से खास बातचीत में कहें। उन्होंने कहा, पाकिस्तान ने भारत के समक्ष बालाकोट की कार्यवाही के बाद घुटने टेके हुए हैं। लेकिन फारूक अब्दुल्लाह और महबूबा मुफ्ती अपने आप को कश्मीर में जिन्दा रखने के लिए इस प्रकार की भाषा बोल रहे हैं। पाकिस्तान का राग अलापने वाले ऐसे लोगों को वहीं चले जाना चाहिए।
पाक की भारत के खिलाफ कार्यवाही करने की हिम्मत नहीं
बक्शी ने कहा, इन लोगों की वजह से पाकिस्तान ( Pakistan ) के लोगों को भारत के खिलाफ कार्यवाही करने की हिम्मत मिलती है। लेकिन भारत के सामने पाक बकरी की भाती है। जीडी बक्शी ने कहा, जम्मू-कश्मीर में इन्हीं के इशारे पर आतंकवादी गतिविधियां हो रही हैं। लेकिन भारत सरकार इन पर नजर रखे हुए है।
बालाकोट हमले ( Balakotairstrike ) के बाद पाकिस्तान पूरी तरह हिल गया है। वहां की इकोनॉमिक्स डगमगा गई है। लेकिन हमारे देश में कुछ ऐसे लोग हैं जो देश का खाते हैं और पाकिस्तान का राग लापते हैं। ऐसे लोगों के लिए मात्र एक ही रास्ता है कि उन्हें पाकिस्तान में चला जाना चाहिए । हिंदुस्तान ऐसे नेताओं को कभी बर्दाश्त नहीं करेगा ।
पाकिस्तान भीख मांग रहा है
जीडी बक्शी ( G. D. Bakshi ) ने बातचीत में आगे बताया, आज पाकिस्तान भीख मांग रहा है, भारत के सामने गिड़गिड़ा रहा है। लेकिन हमारी देश की सरकार इतनी मजबूत है कि पाकिस्तान के साथ जब तक वार्ता नहीं करेगी तब तक पाक अपनी धरती से आंतवाद को खत्म नहीं करता।
बक्शी ने कहा आज हिंदुस्तान मजबूत है और पाकिस्तान आतंकवाद का अड्डा बन चुका है। कई देश पाकिस्तान पर आतंकवाद को खत्म करने का दबाव बनाया हुए हैं, लेकिन इसके बावजूद भी पाकिस्तान बाज नहीं आ रहा है।
महबूबा मुफ्ती भारत के लिए खतरा उन्होंने महबूबा मुफ्ती को भारत के लिए खतरनाक बताया। उन्होंने कहा, वह देश को खोखला करने में पाकिस्तान का सहयोग कर रही हैं। उन्होंने भारत सरकार से अपील करते हुए कहा, ऐसे नेताओं पर पाबंदी लगनी चाहिए। उनकी सुरक्षा सरकारी व्यवस्था वापस ले लेनी चाहिए ।
देश की रक्षा करने में लगे जवान पूर्व जनरल ने कहा, हमारे जवान देश की रक्षा करने में लगे हुए हैं और आतंकवादियों से लड़ते हुए शहीद हो रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ जम्मू कश्मीर में बैठकर फारूक अब्दुल्लाह ( Farooq Abdulla ) महबूबा मुफ्ती और हुर्रियत वाले षड्यंत्र रच रहे हैं। ऐसे नेताओं को देश की जनता कभी बर्दाश्त नहीं करेगी।
देश के गृहमंत्री अमित शाह के जम्मू कश्मीर के दौरे से पाकिस्तान और कश्मीर में बैठे यह नेता तिलमिला उठे हैं। लेकिन अब वे अपनी राजनीति को बचाने के लिए वहां की जनता में इस प्रकार के बयान बाजी कर रहे हैं, ताकी उनकी इज्जत बची रहे। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बारीकी से जम्मू कश्मीर के मसले पर नजर बनाए हुए हैं। समय आने पर जो नेता पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं उनको सबक सिखा दिया जाएगा।
हुर्रियत पर हमला पूर्व जनरल ( G. D. Bakshi ) ने कहा, हुर्रियत की कमर भी टूट चुकी है मगर कुछ अभी भी ऐसे लोग बैठे हैं जो सरकारी सेवा लिए हुए हैं और हुर्रियत के कुछ लोगों को हवा दे रहे हैं । बता दें कि कश्मीर की सियासत में गहरी पैठ रखने वाला अब्दुल्ला परिवार कश्मीर के मसले पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बात सुलझाने के लिए पाकिस्तान से भी बात करने के लिए कह रहे हैं।