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वित्त मंत्री का ऐलान- स्थानीय उत्पादों की ब्रांडिंग के लिए 10 हजार करोड़ रुपए का फंड

केंद्र सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपए के राहत पैकेज का ऐलान किया
निर्मला सीतारमणर्थिक पैकेज की दो किस्तों की जानकारी दे चुकी
वित्त मंत्री आज पैकेज की तीसरी किस्त की जानकारी देने जा रही हैं

May 15, 2020 / 05:25 pm

Mohit sharma

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01 Jan, 1970 | 05:30 AM

चौथा कदम – हमारे पशुओं को टीके नहीं लगते, जिससे दूध देने वाले व अन्य पशु फुट और माउथ डिजीटल जैसी बीमारियों का शिकार हो जाते हैं। अब सौ प्रतिशत पशुओं का टीकाकरण किया जाएगा।
– एनिमेशन हसबैंड्री – अगला कदम होगा
– भारत में 53 करोड़ से ज्यादा पशु हैं। १३ करोड़ से ज्यादा धन टीकाकरण पर खर्च किया जाएगा।
– 13343 करोड़ रुपए मुंहपका-खुरपका को खत्म करने के लिए खर्च किए जाएँगे।

– 15 हजार करोड़ रुपए डेयरी के मूलभूत ढाँचे को सुधारने में खर्च किया जाएगा।
– दूध, दूध पाउडर जैसे उत्पाद कैंडल फ़ीड के निर्यात को प्रोत्साहन दिया जाएगा

– चीज प्रोसेस्ड फूट के निर्माण और निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिए भारत सरकार इन्सेंटिव देगी।

छठा कदम – 4000 करोड़ रुपए – औषधीय गुणों वाले पौधों के उत्पादन को प्रोत्साहन दिया जाएगा। ये 5 हजार करोड़ रुपए की आमदनी पैदा करेंगी , जो किसान इन्हें उगाएँगे।
– गंगा को दोनों तटों पर औषधीय गुणों वाले पौधों का उत्पादन किया जा सकता है, इस काम में भारत सरकार प्रोत्साहन देगी।
– हर्बल कल्टिवेशन के लिए सरकार कितनी गंभीर है ह इसी से बता चलता है कि २५ लाख एकड़ में ऐसी खेती की जाएगी।

सातवां कदम – हनी – शहद उत्पादन

– 500 करोड़ मधुमक्खी पालन पर खर्च किए जाएँगे
– भारत में इसका आयात किया जाता है, सरकार के इस कदम से आयात रुकेगा और देश में रोज़गार के साधन पैदा होगे
– मधुमक्खी पालन से 2 लाख से ज्यादा मधुमक्खी पालकों को फ़ायदा होगा। बहुत से किसानों के लिए अतिरिक्त आय के साधन पैदा होंगे।

आठवाँ कदम – सप्लाई चेन – 50 फीसदी सब्सिडी ट्रांसपोर्ट पर दी जाएगी
– लॉकडाउन में जिस तरह से सब्ज़ियाँ ख़राब हो रही थी, वैसा फिर नहीं होगा।
– इसमें भी 500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

– छह महीने का पायलट प्रोजेक्ट है।

– 50 फीसदी मदद कोल्ड स्टोरेज के लिए दी जाएगी

दूसरा रिफॉर्म — किसान को भी बेहतर दाम मिल पाए और वो अंतर्राज्यीय व्यापार भी कर सकें, इसलिए ये कदम उठाया गया है।

– इसके लिए सरकार क़ानूनी रूप से फूट प्रोसेसर्स के साथ जोड़ेगी
– देश के करोड़ों किसानों को एग्रिकल्चर रिफॉर्म से फ़ायदा होगा

तीसरा रिफॉर्म – किसान को पता होना चाहिए कि उसके उत्पाद का बाज़ार में क्या मूल्य होगा। बीज बोने से भी पहले उसे ये सब पता होना चाहिए।

01 Jan, 1970 | 05:30 AM

चौथा कदम – हमारे पशुओं को टीके नहीं लगते, जिससे दूध देने वाले व अन्य पशु फुट और माउथ डिजीटल जैसी बीमारियों का शिकार हो जाते हैं। अब सौ प्रतिशत पशुओं का टीकाकरण किया जाएगा।
– एनिमेशन हसबैंड्री – अगला कदम होगा
– भारत में 53 करोड़ से ज्यादा पशु हैं। १३ करोड़ से ज्यादा धन टीकाकरण पर खर्च किया जाएगा।
– 13343 करोड़ रुपए मुंहपका-खुरपका को खत्म करने के लिए खर्च किए जाएँगे।

– 15 हजार करोड़ रुपए डेयरी के मूलभूत ढाँचे को सुधारने में खर्च किया जाएगा।
– दूध, दूध पाउडर जैसे उत्पाद कैंडल फ़ीड के निर्यात को प्रोत्साहन दिया जाएगा

– चीज प्रोसेस्ड फूट के निर्माण और निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिए भारत सरकार इन्सेंटिव देगी।

छठा कदम – 4000 करोड़ रुपए – औषधीय गुणों वाले पौधों के उत्पादन को प्रोत्साहन दिया जाएगा। ये 5 हजार करोड़ रुपए की आमदनी पैदा करेंगी , जो किसान इन्हें उगाएँगे।
– गंगा को दोनों तटों पर औषधीय गुणों वाले पौधों का उत्पादन किया जा सकता है, इस काम में भारत सरकार प्रोत्साहन देगी।
– हर्बल कल्टिवेशन के लिए सरकार कितनी गंभीर है ह इसी से बता चलता है कि २५ लाख एकड़ में ऐसी खेती की जाएगी।

सातवां कदम – हनी – शहद उत्पादन

– 500 करोड़ मधुमक्खी पालन पर खर्च किए जाएँगे
– भारत में इसका आयात किया जाता है, सरकार के इस कदम से आयात रुकेगा और देश में रोज़गार के साधन पैदा होगे
– मधुमक्खी पालन से 2 लाख से ज्यादा मधुमक्खी पालकों को फ़ायदा होगा। बहुत से किसानों के लिए अतिरिक्त आय के साधन पैदा होंगे।

01 Jan, 1970 | 05:30 AM

चौथा कदम – हमारे पशुओं को टीके नहीं लगते, जिससे दूध देने वाले व अन्य पशु फुट और माउथ डिजीटल जैसी बीमारियों का शिकार हो जाते हैं। अब सौ प्रतिशत पशुओं का टीकाकरण किया जाएगा।
– एनिमेशन हसबैंड्री – अगला कदम होगा
– भारत में 53 करोड़ से ज्यादा पशु हैं। १३ करोड़ से ज्यादा धन टीकाकरण पर खर्च किया जाएगा।
– 13343 करोड़ रुपए मुंहपका-खुरपका को खत्म करने के लिए खर्च किए जाएँगे।

– 15 हजार करोड़ रुपए डेयरी के मूलभूत ढाँचे को सुधारने में खर्च किया जाएगा।
– दूध, दूध पाउडर जैसे उत्पाद कैंडल फ़ीड के निर्यात को प्रोत्साहन दिया जाएगा

– चीज प्रोसेस्ड फूट के निर्माण और निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिए भारत सरकार इन्सेंटिव देगी।

01 Jan, 1970 | 05:30 AM

पहला कदम – 8 लाख करोड़ कृषि क्षेत्र के लिए मूलभूत सुविधाएँ जुटाने पर खर्च किया जाएगा.
इसमें कोल्ड स्टोरेज शामिल हैं।

– कोल्ड स्टोरेज – भंडारण और फ़ूड प्रोसेसिंग – मूल्य संवर्धन आदि का ख़ास ध्यान रखा जाएगा।

– किसान उत्पादक संगठन, सहकारी संगठन आदि की मदद से किसानों तक ये सुविधाएँ पहुँचाई जाएँगी

दूसरा कदम – 10 हजार करोड़ का फंड – कल्स्टर बेस्ड अप्रोच रहेगी। स्थानीय क्षमताओं को बढ़ाकर उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर की गुणवत्ता के लिए तैयार किया जाएगा। उनके उत्पादों की विदेशों में ब्रैंडिंग में मदद की जाएगी।

– फंड का इस्तेमाल उत्पादन के आधुनिकीकरण और सप्लाई चेन का मूलभूत ढाँचा विकसित करने में खर्च होगा।
– देश को विभन्न क्लस्टर में बाँटकर वहां के प्रमुख उत्पाद को प्रमोट किया जाएगा।
– स्थानीय उत्पादों को दुनिया भर में पहुँचाएँगे, वहां उनकी ब्रांडिंग करेंगे – सरकार इसमें मदद करेगी
– इस काम के लिए 10 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

तीसरा कदम-

प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना – 20 हजार करोड़ रुपए की योजना – वेल्यू चेन को ठीक करने की कोशिश – समुद्री और अंतर्रदेशीय मत्स्य पालन के लिए मदद मिलेगी, इसमें से 9 हजार करोड़ रुपए ढाँचा गत सुविधाएँ उपलब्ध कराने पर होगा। इससे 55 लाख रोज़गार पैदा होंगे। 1 लाख करोड़ रुपए का सामान् निर्यात होगा।

01 Jan, 1970 | 05:30 AM

वित्त मंत्री ने कहा कि आज के ऐलान किसानों से जुड़े होंगे. 8 ऐलान कृषि सेक्टर से जुड़े बुनियादी ढांचे पर होंगे।

वित्त मंत्रालय की ओर से घोषणाएं—

– भारत की ज्यादातर जनसंख्या कृषि पर निर्भर है

– भारत दुनिया में सबसे ज्यादा जूट, दाल और दूघ का उत्पादन करता है

– कृषि, मछली पालन पर भारत की ज्यादातर जनसंख्या कृषि पर निर्भर है

– पशुपालन – दूध की खपत कम होने के बावजूद लॉकडाउन के दौरान ज्यादा दूध ख़रीदा गया। इससे 2 करोड़ किसानों को फ़ायदा हुआ है। जिन किसानों ने समय पर या जल्दी ऋणों का भुगतान किया, उन्हें अतिरिक्त लाभ दिया गया। ये सब लॉकडाउन की अवधि में हुआ।

– 11 उपायों में से 8 में सरकार कृषि और स्टोरेज आदि पर होंगे 3 प्रशासन पर

– कल की घोषणाओं में भी 30 हजार करोड़ की योजनाएँ कृषि क्षेत्र के लिए थी

– कृषि क्षेत्र में छोटे और मझोले किसान 85 फीसदी योगदान देते हैं। उनके कल्याण के लिए सरकार गंभीर है।
– पीएम किसान योजना के तहत 1800 करोड़ रुपए सीधे किसानों के खातों में गए।

01 Jan, 1970 | 05:30 AM

नई दिल्ली। देश में छाए कोरोना संकट के बीच अर्थव्यवस्था ( Indian Economy ) को मुश्किल से निकालने के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपए के राहत पैकेज का ऐलान किया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ( Finance Minister Nirmala Sitharaman ) और वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ( Anurag Thakur ) इस आर्थिक पैकेज की दो किस्तों की जानकारी दे चुकी हैं। जिसमें उन्होंने एमएसएमई और किसानों को लिए कई घोषणाएं कीं। इसी क्रम में वित्त मंत्री आज यानी शुक्रवार को एक बार फिर पैकेज की तीसरी किस्त की जानकारी दे रही हैं। लॉक़डाउन के दौरान सरकार ने क्या कदम उठाए खेत में काम कर रहे किसानों के लिए वित्त मंत्री ने इसकी चर्चा की।

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