सभी वाहनों के लिए जरूरी नहीं FASTag! जानिए कहां, कैसे बनवाएं और कितनी फीस?
नई दिल्ली। अगर आप वाहन स्वामी हैं और राष्ट्रीय राजमार्गों ( National highways ) पर यात्रा करते हैं तो यह खबर बिल्कुल आपके ही लिए है। दरअसल, आज यानी सोमवार रात 12 बजे के बाद से देशभर में गाडिय़ों के लिए FASTag अनिवार्य हो गया। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ( Ministry of Road Transport and Highways ) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि केंद्रीय मोटर एक्ट ( Central motor act ) के तहत गाडिय़ों पर FASTag फिट करना अनिवार्य है। आपको बता दें कि 15 फरवरी तक टोल प्लाजा पर पहले की तरह कैश में भुगतान की सुविधा की गई थी, लेकिन अब हाइवे पर यात्रा करने के लिए FASTag अनिवार्य हो गया है। ऐसे में अगर आप गाड़ी से कहीं जा रहे हैं तो जान लीजिए की आपकी गाड़ी के लिए FASTag जरूरी है या नहीं?
कमर्शियल वाहन अगर आप कमर्शियल वाहन चलाते हैं यानी आपके पास पीले रंग वाले नंबर प्लेट की गाड़ी है तो नेशनल हाइवे पर गुजरते समय आपके पास फास्टैग होना ही चाहिए। दो पहिया वाहन पर नहीं फास्टैग की जरूरत
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से टू व्हीलर्स को राहत दी गई है। दरअसल, राष्ट्रीय राजमार्ग पर टू व्हीलर्स पर टोल नहीं लेना पड़ता। इसका मतलब यह है कि अगर आप किसी एक्सप्रेसवे पर निकल रहे हैं और आपके पास दापहिया वाहन है तो टोल की चिंता से मुक्त रहिए।
सावधान: 16 फरवरी से वाहनों पर FASTag अनिवार्य, नहीं होने पर भरना पड़ेगा इतना जुर्मानाकहां और कैसे खरीदें फास्टैग लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए एनएचएआई ने देशभर में चालीस हजार से अधिक फास्टैग केंद्रों की स्थापना की है। इन केंद्रों से आप फास्टैग खरीद सकते हैं। इसके साथ ही डिजीटल मार्केट यानी पेटीएम, फ्लिपकार्ट और अन्य कंपनियों से भी आप इसकी घर बैठे खरीदारी कर सकते हैं। इसके बाद फास्टैग को डेबिट कार्ड, यूपीआई और के्रडिट कार्ड से भी रिचार्ज किया जा सकता है। इसके साथ ही अगर आपका फास्टैग आपके अकाउंट से जुड़ा है तो टोल का पैसा सीधा आपके अकाउंट से कट सकता है।
क्या है फास्टैग का मूल्य दरअसल, नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया की ओर से फास्टैग का मूल्य सौ रुपए रखा गया है। हालांकि इसके साथ दो सौ रुपए सिक्युरिटी चार्ज अलग से पे करना पड़ता है।
जानें कैसे काम करता है फास्टैग आपको बता दें कि फास्टैग एक स्टीकर की तरह होता है जो आपके वाहन के शीशे पर लगाया जाता है। टोल प्लाजा पार करते समय वहां लगी डिवाइस रेडियो फ्रिक्वेंसीी आइडेंटिफिकेशन टेक्रोलॉजी की सहायता से इसको ट्रेस कर लिया जाता है। जिसके बाद टोल फीस आपके खाते से कट जाती है।