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Jammu Kashmir: कुपवाड़ा में पाकिस्तानी सैनिकों की गोलीबारी में दो जवान शहीद, चार घायल FIF का इस्तेमाल करता है लश्कर- ED दरअसल, एजेंसी ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की जांच के आधार पर 2018 में गिरफ्तार मोहम्मद सलमान और मोहम्मद सलीम के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी। गुरुवार को ईडी की तरफ से दिए गए बयान में कहा गया कि सलमान फलह-ए-इंसानियत फाउंडेशन की तरफ से अवैध हवाला चैनल्स के जरिए फंड पाने वालों में शामिल रहा। एफआइएफ एक पाकिस्तानी संगठन है, जिसे जमात-उद-दावा की तरफ से बनाया गया था, जो लश्कर-ए-तैयबा का पैरेंट ऑर्गेनाइजेशन है। इसे हाफिज सईद ने बनाया था। एफआइएफ को 2012 के मार्च में संयुक्त राष्ट्र ने आतंकी संगठन घोषित किया था। भारत ने 2016 के अगस्त में ही एफआइएफ को अवैध गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत आतंकी संगठन घोषित कर दिया था। ईडी ने कहा था कि लश्कर, फलह-ए-इंसानियत फाउंडेशन का इस्तेमाल फंड बनाने और आतंकी गतिविधियों के नेटवर्क बनाने में कर रहा है। एजेंसी को जांच के दौरान यह पता चला कि फंड्स को पाकिस्तान से दुबई भेजा जाता था और फिर उसके बाद ये हवाला चैनलों के जरिए भारत पहुंचता था।
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कुलभूषण जाधव मामला: भारतीय वकील को नियुक्त करने की मांग को पाक ने फिर मानने से किया इनकार हवाला चैनलों के जरिए भारत पैसा पहुंचाता है एफआईएफ यहां आपको बता दें कि एफआईएफ को लेकर भारतीय एजेंसियां और यूएन का कहना है कि यह जमात-उद-दावा और लश्कर-ए-तैयबा का एक मुखौटा है, ताकि प्रतिबंधों से बचा जा सके। जिसका काम है हवाला चैनलों के जरिए चीजों को भारत पहुंचाना। अब देखना ये है कि इस मामले में ED अब किस तरह की कार्रवाई की करती है।