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डेल्टा वेरिएंट की वजह से दूसरी लहर में बरपा कहरहालांकि, दोनों ही संस्थानों (एम्स और नेशनल सेंटर ऑफ डिजीज कंट्रोल) के अध्ययनों की समीक्षा अभी तक नहीं हुई है। मगर एम्स की ओर से किए गए अध्ययन के मुताबिक, डेल्टा वेरिएंट ब्रिटेन में पाए गए अल्फा वेरिएंट के मुकाबले 40 से 50 प्रतिशत तक ज्यादा संक्रामक है। भारत में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में बढ़ते केसों की वजह भी यही वेरिएंट है।
दरअसल, भारत में डेल्टा वेरिएंट (बी.1.617.2) के कारण टीका लगने के बाद भी संक्रमण के केस सामने आए। यह दोनों ही वैक्सीन कोविशील्ड या कोवैक्सीन के साथ हुआ है। एम्स और नेशनल सेंटर ऑफ डिजीज कंट्रोल के अलग-अलग अध्ययनों में सामने आया कि डेल्टा वेरिएंट दोनों वैक्सीन की दोनों डोज लगवा चुके लोगों को संक्रमित करने में सक्षम है। एम्स और सीएसआईआर आईजीआईबी ने अध्ययन में देखा कि कोवैक्सीन और कोविशील्ड का टीका लगवाए लोगों में अल्फा और डेल्टा दोनों ही वेरिएंट से संक्रमण हुआ। हालांकि, डेल्टा के संक्रमण का खतरा अधिक है।
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संक्रमण से पीडि़त 63 लोगों पर अध्ययनएम्स और सीएसआईआर आईजीआईबी के अध्ययन में 63 संक्रमण के लक्षण वाले मरीजों की स्थिति पर विस्तार से रिपोर्ट की गई है। इसमें 5 से 7 दिन से तेज बुखार की शिकायत के बाद इमरजेंसी वॉर्ड में भर्ती किए गए। इन 63 लोगों में 53 को कोवैक्सीन की और दस को कोविशील्ड की एक खुराक दी गई थी। वहीं, इनमें 36 लोग ऐसे थे, जिन्हें वैक्सीन की दोनों खुराक दी गई थी। डेल्टा वेरिएंट संक्रमण के 76.9 प्रतिशत केस ऐसे में लोगों में दर्ज हुए, जिन्हें वैक्सीन की एक खुराक दी गई थी। वहीं, दोनों खुराक लेने वाले 60 प्रतिशत लोग संक्रमित हुए।
अध्ययन में सामने आए आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि डेल्टा वेरिएंट के संक्रमण से ऐसे लोग अधिक संक्रमित हुए, जिन्हें कोविशील्ड दी गई थी। इसमें यह भी सामने आया कि डेल्टा वेरिएंट का संक्रमण उन 27 मरीजों को हुआ, जिन्होंनेे वैक्सीन लगवाई थी और इनकी संक्रमण दर 70.3 प्रतिशत रही।
बहरहाल, दोनों ही अध्ययनों से स्पष्ट है कि कोविशील्ड और कोवैक्सीन संक्रमण के अल्फा वेरिएंट से बचाव कर रही है। मगर उस तरह नहीं, जिस तरह भारत में पहली लहर में पाए गए केस के समय हुआ था। दोनों ही अध्ययनों ने यह भी संकेत दे दिया है कि वैक्सीन डेल्टा और यहां तक कि अल्फा से सुरक्षा कम हो सकती है। हालांकि, हर मामले में संक्रमण की गंभीरता के परिणाम पर इसका कोई असर नहीं पड़ता है।