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दिल्ली पुलिस ने मौजपुर चौक हिंसा मामले में पाया कि 24 फरवरी को सुबह 11 बजे दो गुट चौक पर आपस में भिड़ गए। इनमें से एक गुट नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) का समर्थन कर रहा था जबकि दूसरा इसके विरोध में था। हालांकि शुरुआती दौर में यह विरोधी शांतिपूर्ण था, लेकिन देखते ही देखते यह हिंसा में तब्दील हो गया और दोनों ओर से पथराव होने लगा। इसके बाद दोनों गुटों की ओर से ईंट-पत्थर फेंकने के साथ ही आगजनी, गोलीबारी और तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आई थीं।
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इस हिंसा में न केवल कई पुलिसकर्मी घायल हुए बल्कि अन्य लोगों को भी गंभीर चोटें आईं। इसी दिन विनोद सिंह नाम के एक शख्स ने संबंधित घटना में अपनी जान गंवा दी। जिसके बाद विनोद सिंह हत्या मामले में एक एफआईआर दर्ज की गई। पुलिस ने इस मामले में शाहरुख पठान समेत पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। दिल्ली पुलिस के अनुसार जांच में सामने आया है कि शाहरुख पठान एक अन्य मामले में मुख्य आरोपी है। यह मामला सरेआम एक सिपाही पर दीपक दहिया पर पिस्तौल तानने से जुड़ा है।
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उसके पास से 7.65 एमएम की अवैध पिस्टल, दो जिंदा राउंड के साथ बरामद की गई थी। पुलिस ने कहा कि उसकी ओर से कई गोलियां दागी गईं थी और घटनास्थल से तीन खाली खोल बरामद किए गए थे। कर्दमपुरी पुलिया दंगा मामला मोहम्मद फुरकान की हत्या, चार अन्य लोगों को गोली लगने और 17 पुलिसकर्मियों के घायल होने से संबंधित है। यहां 24 फरवरी को भारी पथराव के कारण इस तरह की स्थिति देखने को मिली थी।