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दरअसल, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) ने दिल्ली में सीरो-सर्वेलांस स्टडी शुय की थी। बताया गया कि एनसीडीसी द्वारा यह स्टडी दिल्ली सरकार के एनसीआर की मदद से पूरी की गई। कोरोना वायरस से जुड़े तथ्य जुटाने के लिए यह सर्वे 27 जून, 2020 से 10 जुलाई, 2020 तक किया गया। जानकारी के अनुसार इस सर्वे के लिए कुल 21,387 सैंपल इकठ्ठा किए गए और टेस्ट किए गए। ये टेस्ट्स नॉर्मल पॉल्यूलेशन में एंटीबॉडी की मौजूदगी की उपस्थिति की पहचान करने में काफी मददगार साबित हुए। ये टेस्ट केवल कोरोना पॉजिटिव लोगों में SARSCoV-2 की वजह से पिछले संक्रमण के बारे में बताता है।
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इस सर्वे के लिए दिल्ली के सभी 11 जिलों के लिए टीमें बनाई गईं थी। सर्वे के अंतर्गत होने वाले टेस्टों के लिए सैंपल लेने से पहले लोगों की लिखित सहमति ली गई थी। जिसके बाद भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) द्वारा अनुमोदित COVID KAVACH ELISA का इस्तेमाल किया गया और IgG एंटीबॉडी और इंफेकशन के लिए सैंपल्स का सीरो टेस्ट किया गया।