इस हादसे में अब तक 60 से ज्यादा लोगों की जान बचाई गई है। लेडी हार्डिग अस्पताल में भर्ती 10 घायलों में से नौ की मौत हो चुकी है।
वहीं, एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती घायलों में 34 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, इस बीच आग में फंसे एक शख्स की अपने परिवारवालों से अंतिम समय में हुई बातचीत का आडियो खूब वायरल हो रहा है।
फोन पर हुई बातचीत का यह आडियो जो भी सुन रहा है, अपने आप को भावुक होने से नहीं रोक पा रहा है।
दरअसल, तड़के 5.00 बजे के आसपास जब पूरी दिल्ली नींद के आगोश में डूबी हुई थी, तब आग में फंसा मुशर्रफ अली बिहार फोन मिला रहा था।
असल में मुशर्रफ अली अपने एक पड़ोसी दोस्त से अपनी अंतिम इच्छा बता रहा था। मुशर्रफ न केवल रो रहा था, बल्कि अपने दोस्त से कह रहा था कि कुछ ही देर में वह मरने वाला है और वह उसके बाद उसके परिवार को ख्याल रखे।
इस बीच मुशर्रफ अपने दोस्त को फोन कर कहता है कि…मोनू, भैया मैं आज खत्म होने वाला हूं…चारो ओर धुआं ही धुआं हैं, एक-एक सांस लेना मुश्किल हो रहा है और कुछ ही पलों में आग लगने वाली है यहां।
मुशर्रफ फिर कहता है…मोनू तुम करोल बाग आ जाना गुलजार से नंबर ले लेना…
फिर दोनों के बीच में यह वार्तालाप होता है…
मोनू: कहां, दिल्ली?
मुशर्रफ: हां..
मोनू: किसी तरह तुम निकलो वहां से…
मुशर्रफ: अब कोई रास्ता नहीं बचा…बस मैं खत्म हूं मैं भैया आज…मेरे बाद मेरे परिवार को ख्याल रखना…इस बीच मुशर्रफ कहता है कि अब सांस भी नहीं आ रहा है।
मोनू: पुलिस, फायर ब्रिगेड किसी नंबर पर कॉल कर बचने का प्रयास करो।
तभी मुशर्रफ का दम घुटने लगता है…मौत का सामने खड़ा देख वह रोने लगता है…और अल्लाह को याद करता है। फिर अचानक से मुशर्रफ की आवाज आने बंद हो जाती है और उसका दोस्त मोनू हेलो—हेलो करता है…