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New Train List: ट्रेनों में नहीं मिल रही सीट तो ना हो परेशान, Rajdhani-Shatabdi समेत चलेंगी 40 नई ट्रेनें गोबर के प्रोडक्ट को बढ़ावा देने का लक्ष्य राष्ट्रीय कामधेनु आयोग का कहना है कि देश में प्रूदषण को कम करने में गोबर के प्रोडक्ट काफी मददगार साबित हो सकते हैं। वल्लभ भाई कथीरिया ने कहा कि कुछ दिन बाद दिपावली आने वाला है। इस दौरान प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाता है। लिहाजा, गोबर के प्रोडक्ट को दीपावली में इस्तेमाल करने से प्रदूषण कम होगा। आयोग का ये भी मानना है कि अब तक हम ज्यादातर चाइनीज प्रोडक्ट का इस्तेमाल करते रहे हैं। देश में इस समय चाइनीज प्रोडक्ट का बहिष्कार भी हो रहा है। लिहाजा, गाय से बने गणेश और लक्ष्मी, दीयों और अन्य सामग्रियों के उपयोग का बढ़ावा देना भी लक्ष्य है। आयोग ने दीपावली के मौके पर ‘कामधेनु दीपावली अभियान’ चलाने का भी ऐलान किया है। मीडिया से रू-ब-रू होते हुए वल्लभ भाई कथीरिया ने गोबर से बने चिप, शुभ-लाभ भी लोगों को दिखाए। आयोग के अध्यक्ष का कहना था कि गाय के गोबर से रक्षा भी होगी और घर भी रेडिएशन फ्री हो जाएगा।
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धूम्रपान पड़ सकता है महंगा, स्मोकिंग की आदत बढ़ा सकती है आपके इंश्योरेंस का प्रीमियम, जानें क्या है नियम ये है राष्ट्रीय कामधेनु आयोग का टारगेट इन सबके अलावा, आयोग ने ‘गोमय दीपक’ को लोकप्रिय बनाने के लिए अभियान भी चलाने का फैसला किया है। दीपवाली पर गोबर के दीये, धूप, मोमबत्तियां, स्वास्तिक, समरानी, शुभ-लाभ, हार्डबॉर्ड, भगवान गणेश और लक्ष्मी की प्रतिमाओं का निर्माण शुरू हो चुका है। आयोग का कहना है कि इस पहल में गोशालाओं की भी अहम भूमिका होगी। क्योंकि, ये सबकुछ उन्हीं पर निर्भर करता है। रिपोर्ट के अनुसार, आयोग ने 11 करोड़ परिवारों के जरिए तकरीबन 33 करोड़ गोबर से निर्मित दीप को जलाने का लक्ष्य रखा है। अब देखना ये होगा कि राष्ट्रीय कामधेनु आयोग इस पहल में किस हद तक कामयाब होता है।