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यही नहीं हॉस्पिटल से छुट्टी देते हुए डॉक्टरों और नर्सों ने ताली बजाकर जसवाल का हौसला बढ़ाया। वहीं, जसवाल का इलाज कर रहे डाक्टरों का कहना है कि 88 साल के होते हुए भी उन्होंने अपनी जीवन शैली एकदम संयमित रखी है। यही वजह है कि इस उम्र में भी वो कोरोना से लड़ाई जीत गई। डॉक्टरों ने यह भी बताया कि अगर किसी व्यक्ति का लाइफ स्टाइल अच्छा है और उसको किसी तरह कोई बीमारी नहीं है तो वह कोरोना को हराने में सफल साबित हो सकता है।
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दरअसल, मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के रहने वाले केएस जसवाल भारतीय वायुसेना से रिटायर्ड हैं। रिटायरमेंट के बाद भी उन्होंने अपने जीवन को लेकर कोई ढिलाई नहीं बरती और काफी अनुशासित रहे। वह रोजाना सुबह-शाम योग करते हैं। यही वजह है कि कोई बीमारी उनको छू कर भी नहीं गई। कोरोना से ठीक होने के बाद उन्होंने डॉक्टरों और ईश्वर का धन्यवाद दिया है।