जबकि संदिग्ध मामलों में पैनी नजर रखी जा रही है। जिन लोगों में कोरोना वायरस के लक्षण ( Symptoms of coronavirus) दिखाई दिए हैं, उनको 14 दिनों तक आइसोलेशन वार्ड ( Isolation ward ) में रखा गया है।
इन आइसोलेशन वार्ड में कोरोना के संदिग्ध ( Suspected of corona ) को निगरानी में रखा जा रहा है। आइसोलेशन की इस प्रक्रिया से गुजरने वाले केरल के तीन मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं।
लद्दाख में ईरान से लौटे शख्स में कोरोना वायरस की पुष्टि, 31 मार्च तक स्कूल—कॉलेज बंद
उनमें से सबसे पहली सर्वाइवर ने 14 दिनों की निगरानी में रखने की प्रक्रिया और इलाज की जानकारी साझा की है। उसने बताया है कि आइसोलेशन वार्ड में किस तरह से ट्रीटमेंट किया जाता है।
कोरोना संक्रमण से ठीक हुई महिला ने एक न्यूज चैनल से बातचीत के दौरान लोगों से अपील की है कि आइसोलेशन वार्ड में भर्ती होने को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है।
उसने बताया कि जब वह 14 दिनों की निगरानी में रही उसके लिए जिंदगी बिल्कुल सामान्य थी। वह आराम से सोशल मीडिया का यूज कर रही थी, फोन का इस्तेमाल कर रही थी।
कोरोना वायरस ??: पीएम मोदी ने मंत्रियों की विदेश यात्रा पर लगाई रोक, लोगों से एहतियात बरतने की अपील
मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते तो फिर राजनीति क्यों आ रहे रजनीकांत? जानें वजह
यहां तक कि वह मूवी भी देख रही थी। उसने बताया कि आइसोलेशन वार्ड में सारी सुविधाएं होती हैं। अगर कोई टेंशन में है तो उसका तनाव दूर करने के लिए साइक्लोजिस्ट रोजाना उनकी काउंसलिंग करते हैं।
आपको बता दें कि भारत में कोरोना वायरस के अब तक 73 मामले सामने आ चुके हैं।
इनमें 17 लोग वो हैं, जो विदेश से आए हैं। वहीं, कोरोना वायरस के अब तक सबसे अधिक कुल 17 केस केरल में सामने आए हैं।