दिल्ली एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया का कहना है कि कोविड-19 के नए स्ट्रेन्स को लेकर बेवजह चिंता नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस कई बार म्यूटेट हो चुका है, हर महीने औसतन दो बार। म्यूटेशंस की वजह से लक्षणों और इलाज की रणनीति में कोई बदलाव नहीं आया है। वर्तमान डेटा के अनुसार, ट्रायल फेज की वैक्सीन जिन्हें इमरजेंसी ऑथराइजेशन मिलना है नए स्ट्रेन पर भी असरदार होनी चाहिए।
जीनोमिक्स और इंटीग्रेटिव बायोलॉजी के निदेशक अनुराग अग्रवाल का दावा है कि मार्च से मई के बीच में देश के भीतर भी कई सुपर स्प्रेडर स्ट्रेन आए और खुद ही खत्म भी हो गए। उन्होंने कहा कि वायरस खुद से म्युटेट हो रहा है और ऐसा होना वायरस का तरीका है।
साउथ अफ्रीका में कोविड-19 के दो नए वैरिएंट पाए गए हैं। साउथ अफ्रीका ने कहा है कि उसके यहां पाया गया वैरिएंट ब्रिटेन में पाए गए वैरिएंट से अलग है।
वैक्सीन बना रही फाइजर, मॉडर्ना समेत अधिकांश कंपनियों का दावा है कि उनकी वैक्सीन कोरोना के नए स्ट्रेन पर भी कारगर होगी। बदलते वायरस का उनकी वैक्सीन की इफेक्टिवनेस पर असर नहीं होने वाला। अमरीका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल के मुताबिक अगर वायरस को नेचुरल इंफेक्शन या वैक्सीन के असर से बचना है तो उसके स्पाइक प्रोटीन को कई और म्युटेशन से गुजरना होगा।
ब्रिटेन से बीते 15 दिन में करीब 800 लोग राजस्थान आये हैं। इनकी सैंपलिंग का काम शुक्रवार से शुरू कर दिया गया है। अभी तक लिए गए सैम्पल्स में से 4 की रिपोर्ट पॉजिटिव मिली है। पॉजिटिव के नमूनों में स्ट्रेन की जांच के लिए नमूने पुणे भेजे जाएंगे।
अभी तक 102 लोगों के ब्रिटेन से राज्य में आने की पुष्टि हुई है। जिनमें से 4 कोविड पॉजिटिव पाए गए हैं, सभी की स्ट्रेन जांच पुणे भेज दी गई है। मध्यप्रदेश
अभी तक 405 लोगों के प्रदेश में आने की पुष्टि हुई है। जिनकी जांच की जा रही है। इनमें अभी तक दो कोविड पॉजिटिव मिले हैं। इसके साथ ही इसकी स्ट्रेन जांच पुणे भेज दी गई है।
– आइआइटी मद्रास के जैव प्रोद्योगिकी प्रोफेसर का दावा, वायरस में बदलाव आना सामान्य लेकिन कारगर होगी वैक्सीन चेन्नई. ब्रिटेन में जो कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन मिला है, उससे बचने के लिए भी मास्क और दो गज की दूरी सबसे जरूरी है। वैज्ञानिकों ने इसके अधिक तेजी से फैलने की आशंका जरूर व्यक्त की है, लेकिन इससे बचने के लिए एहतियात को को भी जरूरी बताया है। आइआइटी मद्रास के जैव प्रोद्योगिकी विभाग के प्रोफेसर डा. रमाशंकर वर्मा का कहना है कि वायरस का चरित्र ही होता है बदलना। उसमें म्यूटेशन होते रहता है। भारत में भी कोरोना वायरस में म्यूटेशन देखा जा रहा है।
— 821 यात्री राजस्थान में ब्रिटेन से आए, 4 कोविड पॉजिटिव
— 102 यात्री छत्तीसगढ़ में ब्रिटेन से आए, 4 कोविड पॉजिटिव
— 22,273 नए कोविड मरीज पिछले 24 घंटे में
— 251 मौतें कोविड के कारण, छह महीने में पहली बार तीन सौ से कम
डा. वर्मा का कहना है कि नए स्ट्रेन में अलग-अलग लक्षण नहीं है। प्राथमिक लक्षण वहीं रहते हैं जिसमें लगातार खांसी, सीने में दर्द, बुखार, स्वाद और गंध का न आना, दर्द और ठंड लगना शामिल है। शोधकर्ताओं का यह भी कहना है कि नया वैरिएंट पिछले तंत्र की तुलना में तेजी से और अधिक गंभीर रूप से प्रतिरक्षा प्रणाली पर हमला कर सकता है। हालांकि मौजूदा वैक्सीन नए स्ट्रेन पर प्रभावी होगी। नई वैक्सीन लोगों के प्रतिरक्षा प्रणाली बढ़ाने में मदद करेगी।
जिस समय देश में कोविड स्ट्रेन से बचाव की बहस हो रही है, उस वक्त में एक बड़ा सवाल यह भी खड़ा हुआ है कि इस स्ट्रेन को जांचने का जिम्मे देश की सिर्फ एकमात्र लैब के भरोसे है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पुणे में आनुवांशिक अनुक्रमण (जेनेटिक सिक्वेंसिंग) के जरिए कोविड स्ट्रेन की जांच की जा रही है। हालांकि देश के कई विशेषज्ञ पहले ही कह चुके हैं कि देश के भीतर भी कोविड वायरस में म्यूटेशन देखा जा चुका है, इसलिए घबराने की बात नहीं है।