कोरोना के सक्रिय मामलों ने एक बार फिर चिंता बढ़ा दी है। दूसरी लहर से असर के कम होने के कारण कई राज्यों में अपने यहां लगी पाबंदियों में छूट देना शुरू कर दी हैं। इन छूट के साथ ही एक बार फिर सकारात्मक मामलों की संख्या बढ़ रही है। देश की टेस्ट पॉजिटिविटी रेट महज एक हफ्ते में बढ़कर दोगुनी हो गई है।
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Delhi Unlock: मेट्रो स्टेशनों पर उड़ी सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां, मॉल और मल्टिप्लेक्स भी हुए शुरू देश के कई राज्यों ने अपने यहां लगी कोरोना पाबंदियों में छूट देना शुरू कर दिया है। लेकिन लोगों ने इस छूट के साथ ही लापरवाही भी शुरू कर दी है। शायद इसी का नतीजा है कि देश में पॉजिटिव रेट पिछले एक हफ्ते में बढ़कर दोगुनी हो गई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक हफ्ते पहले के आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो कोरोना संक्रमण की टेस्ट पॉजिटिविटी दर 1.68 फीसदी थी, जबकि बीते 24 घंटे में सामने आए नए आंकड़े डराने वाले हैं। इसके मुताबिक यह टेस्ट पॉजिटिविटी रेट बढ़कर 3.4 फीसदी हो गई।
दोगुना हो चुके इन आंकड़ों ने एक बार फिर चिंता बढ़ा दी है, जो बता रही है कि देश में एक बार फिर कोरोना अपने पैर पसार रहा है। बता दें कि देश में कोरोना की तीसरी लहर के अगस्त से सितंबर में पीक पर आने की संभावना पहले ही जताई जा चुकी है।
इसका मतलब है कि देश में लोग फिर से अधिक संख्या में संक्रमित हो रहे हैं और यह कोरोना वायरस के फिर उफान मारने से पहले का समय है। टेस्ट पॉजिटिविटी रेट पर नजर
देश में टेस्ट पॉजिटिविटी की बात करें तो 20 जुलाई को यह 1.68 फीसदी थी। वहीं एक दिन बाद यानी 21 जुलाई को यह बढ़कर 2.27 फीसदी हो गई। इसके बाद 22 जुलाई को यह 2.40 हो गई। अगले दिन यानी 23 जुलाई को थोड़ी राहत दिखी जब ये रेट 2.12 पर पहुंचा लेकिन 24 जुलाई को दोबारा बढ़कर 2.4 फीसदी पर पहुंच गया। वही अब 26 जुलाई को यह 3.40 रिकॉर्ड की गई है। जो एक हफ्ते में दोगुना से भी ज्यादा है।
यह भी पढ़ेंः वैक्सीन की एक शीशी से लगाई जा रहीं 2 अतिरिक्त डोज, सबसे आगे तमिलनाडु लापरवाही पड़ सकती है भारीदिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल के मेडिकल विभाग की डॉ. पूजा खोसला के मुताबिक लोगों की लापरवाही भारी पड़ सकती है, जरूरी है कि लोग पूरी तरह सावधानी बरतें।
लोगों को कोरोना की दूसरी लहर से सबक लेते हुए बचाव के नियमों का सख्ती से पालन करना होगा।
इसलिए तीसरी लहर कम खतरनाक
दूसरी तरफ सीरो सर्वे की रिपोर्ट इस बात की ओर इशारा कर रही है कि देश में दूसरी लहर के मुकाबले तीसरी लहर कम मारक होगी। इसकी बड़ी वजह है कि देश के बड़ी आबादी के शरीर में एंटीबॉडी पाए जाना। यही वजह है कि एक्सपर्ट्स ये मान रहे हैं तीसरी लहर का खतरा दूसरी के मुकाबले कम होगा, लेकिन लापरवाही यहां भी मुश्किल खड़ी कर सकती है।