इस महीने की शुरुआत में दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार को कोरोना वायरस मरीजों को दिए जाने वाले बेड और अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता पर रीयल टाइम में डेटा अपडेट करने का निर्देश दिया था।
Coronil Patanjali Case: कोरोना की दवा दिखाते 50 विज्ञापनों के खिलाफ हुई कार्रवाई अदालत के यह निर्देश उस याचिका को सुनने के बाद आए जिसके लिए उसने स्वयं पहल की थी। यह तर्क दिया गया था कि दिल्ली सरकार द्वारा विकसित “दिल्ली कोरोना मोबाइल एप्लीकेशन” को नियमित रूप से अपडेट नहीं किया जा रहा है और दिल्ली में सरकारी और निजी अस्पतालों द्वारा जारी किए गए तथ्यों और आंकड़ों में एक गलती मौजूद है, विशेष रूप से बेड की उपलब्धता और वेंटिलेटर के विषय में।
मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ ने केंद्र और दिल्ली सरकार को यह भी निर्देश दिया था कि वह जहां तक संभव हो टेस्टिंग करें और किसी डॉक्टर की सिफारिश पर टेस्टिंग के लिए आने वाले व्यक्तियों को टेस्टिंग किट की उपलब्धता के हिसाब से प्राथमिकता दे।
डीएमए की बैठक होगी इस बीच, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) दिल्ली में कोरोना वायरस रोगियों के लिए होम आइसोलेशन नियमों पर चर्चा करने के लिए आज यानी गुरुवार शाम को एक बैठक आयोजित करेगा। केजरीवाल सरकार ने कोरोना वायरस रोगियों के लिए होम आइसोलेशन के नियमों के मौजूदा प्रारूप का स्पष्ट रूप से विरोध किया है और आज बैठक के दौरान इस पर निर्णय लेने की संभावना है।
सुप्रीम कोर्ट में सोनिया-राहुल गांधी के खिलाफ याचिका, कांग्रेस पर चीन की सरकार से समझौतेे का आरोप उपराज्यपाल अनिल बैजल ने पॉजिटिव पाए जाने वाले कोरोना मरीजों को क्वारंटीन सेंटर में जांच कराने का आदेश दिया है। जबकि दिल्ली सरकार यह आदेश तुंरत रद्द करवाना चाहती है। उपराज्यपाल ने गुरुवार शाम साढ़े पांच बजे इस संबंध में चर्चा के लिए यह बैठक बुलाई है।
इस संबंध में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि केंद्र ने आदेश निकाला है कि अगर कोई कोरोना पॉजिटिव है तो डॉक्टर उसके घर नहीं जाएंगे, बल्कि व्यक्ति को कोरोना सेंटर जाकर लाइन में लगना होगा। 103 बुखार में किसी व्यक्ति को लाइन में क्यों खड़ा किया जा रहा है। दिल्ली सरकार ने गृहमंत्री अमित शाह से अनुरोध किया है कि वे जल्द से जल्द हस्तक्षेप कर पुरानी व्यवस्था बहाल कराएं। इससे हर व्यक्ति को जांच कराने के लिए क्वारंटीन सेंटर न जाना पड़े और मेडिकल टीम मरीज के घर जाकर जांच करे।