आरएसएस एक राष्ट्रवादी संगठन है: सीआईए
आपको बता दें कि मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक विहिप और बजरंग दल ने साआईए द्वारा धार्मिक उग्रवाद संगठन बताए जाने पर गहरी नाराजगी जाहिर की है और अब ये दोनों संगठन सीआईए के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने पर विचार कर रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक बजरंग दल का कहना है कि यह बात उनके नोटिस में कुछ दिन पहले आई है और अब यह जानने के बाद कानूनी कार्रवाई के लिए विशेषज्ञों से सलाह ले रहे हैं। गौरतलब है कि अमरीकी खुफिया एजेंसी सीआईए ने विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल को पॉलिटिकल प्रेशर ग्रुप और लीडर्स कैटेगरी के तहत धार्मिक उग्रवाद संगठन बताया है। जबकि ठीक इसके उलट राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) को एक राष्ट्रवादी संगठन बताया गया है। सीआईए ने विहिप और बजरंग दल के अलावा कश्मीर के अलगाववादी संगठन हुर्रियत कॉन्फ्रेंस और जमीयत उलेमा ए हिन्द को धार्मिक संगठन बताया गया है। बता दें कि बजरंग दल के नेताओं का कहना है कि कोई भी खुफिया एजेंसी हमारे संगठन को कैसे एक उग्रवादी संगठन घोषित कर सकती है? आखिर यह अधिकार उन्हें किसने दिया? नेताओं का कहना है कि हमारी विदेशों में भी शाखाएं हैं और हमने कभी भी किसी को कोई हानि नहीं पहुंचाई है। हम राष्ट्रवादी हैं और हम देखेंगे कि इस मामले पर क्या कानूनी कार्रवाई किया जा सकता है।
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क्या है सीआईए की वर्ल्ड फैक्ट बुक
आपको बता दें कि अमरीकी खुफिया एजेंसी सीआईए हर वर्ष वर्ल्ड फैक्टबुक के नाम से एक किताब जारी करती है, जिसमें पूरी दुनिया के देशों की जानकारी होती है। इस किताब में भूगोल, जनसंख्या, सरकार, अर्थव्यवस्था और सेना आदि की जानकारी इस फैक्टबुक में उपलब्ध होती है। बता दें कि अमरीकी सरकार खुफिया एजेंसी द्वारा जारी इस फैक्टबुक का इस्तेमाल करती है। इसके अलावा छात्रों द्वारा पेपर तैयार करने, और गैर-सरकारी पब्लिकेशन में भी इस फैक्टबुक का इस्तेमाल किया जाता है।