छात्राओं ने बताया कि वे अपने प्यारे इंग्लिश टीचर का ट्रांसफर नहीं होने देना चाहती थीं। स्कूल के छात्रों को जब यह पता चला कि उनके टीचर का कहीं और ट्रांसफर कर दिया गया है तो सब स्टूडेंट्स ने मिलकर विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। बता दें कि इस दौरान छात्रों के अभिभाविक भी मौजूद थे और उनका समर्थन कर रहे थे।
छात्रों ने बताया कि टीचर के ट्रांसफर करने का जो फैसला सरकार ने लिया है, वे उसे बिलकुल नहीं मानेंगे। वहीं, उन्होंने सरकार के इस फैसले पर विरोध जताने के लिए मंगलवार को स्कूल न जाने का भी फैसला किया है। स्कूल की एक छात्रा नित्या ने कहा, ‘हम नहीं चाहते हैं कि उनका ट्रांसफर हो। वह स्कूल के सबसे सपोर्टिव स्टाफ मेंबर्स में से एक हैं। हम में से बहुतों के लिए वह एक भाई की तरह हैं।’
बता दे जिस टीचर का ट्रांसफर हो रहा है वह इस स्कूल में पिछले चार साल से पढ़ा रहे थे। स्कूल में वह अपने स्टूडेंट्स के साथ टीचर की तरह नहीं दोस्त जैसे रहते थे। तमिलारसन नामक एक अन्य छात्र ने कहा, ‘हम में से कई ऐसे छात्र हैं जो अंग्रेजी बोलना नहीं जानते लेकिन उनके प्रोत्साहन की वजह से हमारी अंग्रेजी में काफी सुधार हुआ है।
वहीं, इस मामले में कॉलेज के प्रधानाचार्य ने बताया कि बच्चों और उनके पैरेंट्स के कहने पर उन्होंने शिक्षा विभाग को एक रिप्रजेंटेशन भेज दिया है। प्रिंसिपल ने कहा, ‘हमने शिक्षा विभाग से रिक्वेस्ट की है कि अगर संभव हो तो टीचर को उसी स्कूल में रहने दिया जाए। वह हमारे बेस्ट टीचर्स में से एक हैं।’