सर्वोच्च न्यायालय में केंद्र सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक 15 अगस्त के बाद जम्मू-कश्मीर के दो अलग-अलग जिलों में 4जी इंटरनेट स्पीड को बहाल करने के लिए ट्रायल किया जाएगा।
देश के इस राज्य में कोरोना मरीजों की हालत हुई खराब, पेड़ के नीचे रहने हो रहे मजबूर, जानें क्या है वजह आतंकवाद से कम प्रभावित जिलों का चयनइंटरनेट की हाई स्पीड बहाली के लिए जम्मू का एक और कश्मीर के एक जिले का चयन किया गया है। ये वो जिले हैं जो आतंकवाद से कम प्रभावित हैं। न्यायमूर्ति एनवी रमण , न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति बीआर गवई की पीठ को केन्द्र की ओर से अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने यह जानकारी दी।
कोर्ट को जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि विशेष समिति ने जम्मू कश्मीर डिवीजन के एक-एक जिले में प्रयोग के आधार पर तेज गति वाली इंटरनेट सेवाएं बहाल करने का निर्णय लिया है। धीरे-धीरे बढ़ाई जाएगी सुविधा
घाटी में धीरे-धीरे 4जी सेवाएं बढ़ाई जाएंगी। खास बात यह है कि इस प्रयोग के दो महीने बाद एक बार फिर इसकी समीक्षा की जाएगी। अटॉर्नी जनरल ने बताया कि समिति ने सुरक्षा की स्थिति को ध्यान में रखते हुए कई विकल्पों पर विचार किया क्योंकि खतरा अब भी बहुत ज्यादा है।
याचिकाकर्ता के वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता हुजेफा अहमदी ने केंद्र के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा, यह स्वागत योग्य कदम है। हालांकि उन्होंने विशेष समिति का आदेश प्रकाशित करने और इसे सार्वजनिक करने का मुद्दा भी उठाया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इसकी समय-समय पर समीक्षा भी होनी चाहिए।
इस कारोबारी ने अपने ही घर में लगाई अपनी पत्नी की वैक्स स्टैच्यू, जानें क्या थी वजह आपको बता दें कि 7 अगस्त को पीठ ने केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर प्रशासन को केंद्र शासित प्रदेश में 4जी सेवाओं को फिर से शुरू करने पर अपना रुख बताने का अंतिम अवसर दिया था।