Bihar Election 2020 : सीट शेयरिंग पर सस्पेंस खत्म, बीजेपी आज जारी कर सकती है उम्मीदवारों की सूची
बिहार चुनाव 2020: कांग्रेस आज कर सकती है उम्मीदवारों के नाम की घोषणा
पहले भी पड़े चुके हैं शिवकुमार तथा उनके सहयोगियों के यहां छापे
यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस नेता डी. के. शिवकुमार के यहां छापा पड़ा है। इससे पहले भी वर्ष 2017 तथा 2018 में छापे पड़ चुके हैं। 2019 में उन्हें भ्रष्टाचार के कथित आरोपों पर गिरफ्तार भी किया गया था। उन्हें एक महीना जेल में बिताने के बाद हाई कोर्ट से जमानत मिली थी। इसी प्रकार छापों में वर्ष 2017 में उनके 70 ठिकानों पर छापे पड़े थे जिनमें अकूत संपत्ति मिलने पर उनके भाई ने कहा था कि सारी संपत्ति हमारी नहीं है। उस छापे में उनके यहां दस करोड़ रुपए कैश मिले थे।