यहां तक कि अमरीकी चंद्र ऑर्बिटर द्वारा ली गई तस्वीरों में फिलहाल विक्रम की खोज संभव नहीं हो पाई है। लेकिन इसरो लैंडर विक्रम से भले ही संपर्क न साध पाया हो, लेकिन यह मिशन 98 प्रतिशत तक सफल माना जा रहा है।
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ऐसे में चांद से जुड़ी नई-नई व रोचक खबरें हमारे पास आई हैं। इस कड़ी में हम आपको चांद पर मानव मिशन से जुड़ी एक अनोखी घटना के बारे में बताने जा रहे हैं।
दरअसल, जब भी मिशन चंद्रयान का जिक्र आता है तो सबसे पहले हमारे जहन में अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रॉन्ग का नाम आता है। अपोलो 11 के मिशन पर रवाना हुए नील आर्मस्ट्रॉन्ग, माइकल कॉलिन्स और बज एल्ड्रिन ने 20 जुलाई 1969 को चंद्रमा की सतह पर लैंडिंग की थी।
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सबसे बड़ी बात यह है कि इस मिशन पर ही चांद पर पहला कदम रख नील आर्मस्ट्रांग मून पर पहुंचने वाले दुनिया के पहले इंसान बन गए।
जबकि नील के बज एल्ड्रिन ने भी चांद की सतह पर अपना पैर रखा। आज भले ही बज एल्ड्रिन को चांद पर कदम रखने वाले दूसरे अंतरिक्ष यात्रा के रूप में जाने जाते हों, लेकिन उन्होंने एक रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया, जो अभी तक कोई पूरा नहीं कर पाया।
दरअसल, अपोलो मिशन पर गए बज एल्ड्रिन ऐसे पहले इंसान बन गए जिसने चांद पर पेशाब किया हो। हालांकि एल्ड्रिन ने ऐसा जानबूझकर नहीं किया था।
दरअसल एल्ड्रिन जब अपोलो 11 लैंडर की सीढ़ी से चांद पर उतर रहे थे, तभी उनके स्पेस सूट में फिट एक खास बैग से पेशाब निकलकर चांद की सतह पर गिर गया।
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हालांकि ऐसा इस वजह से हुआ क्योंकि एल्ड्रिन ने ल्यूनर मॉड्यूल की बहुत धीरे से लैंडिंग की थी। ऐसे में मॉड्यूल आवश्यक्तानुसार सिकुड़ नहीं सका।
परिणास्वरूप ल्यूनर मॉड्यूल से चांद की सतह तक एक छोटा स्टेप एक छलांक में तब्दील हो गया। इस झटके की वजह से एल्ड्रिन के एयर स्पेस सूट में जमा यूरीन चांद की सतह पर गिर गया।