इस मामले को गंभीरता से लेते हुए हाई पावर कमेटी के प्रमुख रवि चोपड़ा ने पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सचिव को भी एक पत्र भी लिखा। अपने पत्र में उन्होंने वन नियमों और वन्यजीव कानूनों के अनुपालन में कथित खामियों की चर्चा की है।
NCB की जांच में बड़ा खुलासा : रिया का ड्रग्स पैडलर्स करता था डार्कनेट का इस्तेमाल हाई पावर समिति के अध्यक्ष ने कहा कि लोक निर्माण विभाग ( PWD ), राष्ट्रीय राजमार्ग ( NHAI ) और आधारभूत ढांचा विकास निगम लिमिटेड और सीमा सड़क संगठन ( BRO ) बहुत ही गैर जिम्मेदाराना तरीके से अपना काम कर रहे हैं। उन्होंने खतरनाक पर्वतीय ढालों की पहचान करने, परियोजना के तहत मलबा हटाने की उपयुक्त व्यवस्था के बाद पहाड़ को काटे जाने, फुटपाथ बनाने और सड़क के किनारे पौधे लगाने के हमारे सुझावों की अनदेखी की है।
रवि चोपड़ा ने बताया है कि रोड बनाने के दौरान नियम से परे जाकर मलबे नदी में फेंंके गए। कम के इस तौर तरीके से कई जीव जो नदी के तल पर रहते हैं या पानी के साथ बहते हैं, जिनमें ऑटोट्रॉफ़ शामिल हैं, वे वायुमंडल से कार्बन डाइऑक्साइड को परिवर्तित करते हैं और ऑक्सीजन का उत्सर्जन करते हैं, को क्षति पहुंची है। साथ ही पर्यावरणीय नियमों की अनदेखी हुई है।
Mann Ki Baat में पीएम मोदी बोले – अब खिलौनों के कारोबार में लोकल से वोकल होने का समय बता दें कि उत्तराखंड में चार धाम यात्रा के लिए पूरे साल सड़क संपर्क उपलब्ध कराने के उद्देश्य से करीब 900 किलोमीटर सड़क का निर्माण किया जाना है, जिसकी आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2016 में रखी थी।
इस परियोजना के तहत 12000 करोड़ रुपए से ज्यादा की अनुमानित लागत से चार पवित्र हिंदू तीर्थस्थलों बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों का 900 किलोमीटर चौड़ा किए जाने की योजना है। परियोजना के तहत सड़कों को 10 मीटर से 24 मीटर तक चौड़ा किया जाएगा।