वहीं, कोर्ट के फैसले में अयोध्या में रामजन्म भूमिन्यास को विवादित जमीन देने की बात कही गई है। सर्वोच्च अदालत ने मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाने का आदेश दिया है।
कोर्ट ने सरकार को तीन महीने के भीतर सरकार ट्रस्ट बनाने का आदेश दिया। इसके साथ ही ट्रस्ट को ही मंदिर निर्माण की योजना बनाने का आधिकार भी दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को आयोध्या जमीन विवाद मामले इस बात को माना कि ढांचा गिराना कानून व्यवस्था का उल्लंघन था।
कोर्ट ने कहा कि आस्था और विश्वास के आधार पर मालिकाना हक नहीं दिया जा सकता। अपना फैसला पढ़ते हुए अदालत ने कहा कि बाबरी मस्जिद खाली जमीन पर नहीं बनी थी।
अदालत ने माना कि वहां पहले मंदिर था। एएसआई की रिपोर्ट को वैध माना और कहा कि खुदाई में जो मिला वह इस्लामिक ढांचा नहीं था।
फैसला पढ़ते हुए शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने शिया वक्फ बोर्ड की याचिका खारिज कर दी है। अदालत की पीठ ने यह फैसला सर्वसम्मति से लिया।
शिया बोर्ड ने मामले में याचिका दायर कर कहा था कि विवादित स्थल उसे सौंपा जाना चाहिए क्योंकि मस्जिद बनाने वाला शिया था। लेकिन कोर्ट ने इस याचिका को सर्वसम्मति से खारिज कर दिया।