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अयोध्या केस: CJI रंजन गोगोई बोले- सुनवाई पूरी करने के लिए सिर्फ साढ़े 10 दिन बचे

दोनों पक्षकारों को सीजीआई ने दो टूक शब्दों में कहा
अगर 4 हफ्ते में हमने फैसला दे दिया तो चमत्कार होगा
गुरुवार को रोजाना सुनवाई का 32वां दिन

Sep 26, 2019 / 10:13 pm

Prashant Jha

अयोध्या केस: CJI रंजन गोगई बोले- सुनवाई पूरी करने के लिए सिर्फ साढ़े 10 दिन बचे

अयोध्या केस: CJI रंजन गोगई बोले- सुनवाई पूरी करने के लिए सिर्फ साढ़े 10 दिन बचे

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन ने गोगोई ने एक बार फिर कहा कि अयोध्या पर तय समय में सुनवाई पूरी हो। 18 अक्टूबर तक सुनवाई पूरी हो जानी चाहिए। दोनों पक्षकारों ने सीजीआई ने दो टूक शब्दों में कहा कि देरी होने पर फैसले का मौका गंवा दिया जाएगा। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगई ने कहा कि आज के दिन मिलाकर हमारे पास सिर्फ सुनवाई खत्म करने के लिए साढ़े 10 दिन बचे हैं।

अयोध्या केस पर सुनवाई का 32वां दिन

सुप्रीम कोर्ट में आज अयोध्या केस पर सुनवाई का 32वां दिन है। गुरुवार को जैसे ही इस मामले की सुनवाई शुरू हुई तो सबसे पहले चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि इस मामले की सुनवाई 18 अक्टूबर तक खत्म होना जरूरी है। अगर 4 हफ्ते में हमने फैसला दे दिया तो चमत्कार होगा। वहीं हिंदू पक्षकार ने कहा कि हमें चार दिन का और वक्त चाहिए।

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गौरतलब है कि इससे पहले मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा था कि सभी पक्षों को कोशिश करनी चाहिए कि 18 अक्टूबर तक अयोध्या मामले की सुनवाई पूरी हो सके। इसके बाद क्योंकि सुप्रीम कोर्ट को एक महीने का वक्त इस मसले का फैसला लिखने के लिए चाहिए होगा।

मुस्लिम पक्षकार ने बयान से यू टर्न लिया

गौरतलब है कि पिछले दिनों मुस्लिम पक्ष ने अपने बयान पर यू-टर्न ले लिया था। बुधवार को मुस्लिम पक्ष की ओर से वरिष्‍ठ अधिवक्‍ता जफरयाब जिलानी ने अपना पक्ष रखते हुए सुप्रीम कोर्ट में कहा कि वह रामचबूतरे को भगवान राम का जन्मस्थान नहीं मानते हैं। जबकि मंगलवार को मुस्लिम पक्षकारों ने रामचबूतरे को भगवान राम का जन्‍मस्‍थान मान लिया था।

वरिष्‍ठ अधिवक्‍ता जिलानी ने कहा कि हमने रामचबूतरे को जन्‍मस्‍थान स्वीकार नहीं किया है, बल्कि इस बात में हिंदुओं का विश्वास है। जिलानी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि हमने तो सिर्फ 1885 में दिया गया कोर्ट का आदेश आपके सामने रखा था।

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वक्‍फ बोर्ड के पास नहीं है इसका जवाब
सुनवाई के दौरान सुन्नी वक्फ बोर्ड ने कहा कि हमारा भी वही स्टैंड है जो राजीव धवन की ओर से रखा गया है। इस मामले में राजीव धवन का कहना है कि भगवान राम का जन्म अयोध्या में हुआ था, लेकिन कहां इसका जवाब उनके पास नहीं है।

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