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किसानों की दशा सुधारने के लिए एक कमेटी का भी गठन
अन्ना हजारे से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा था कि वह किसानों के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कृषि मंत्री नरेंद्र मोदी को पांच बार पत्र लिख चुके हैं, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। अन्ना हजारे ने कहा कि केंद्र सरकार ने उनकी कुछ मांगों मान लिया है और किसानों की दशा सुधारने के लिए एक कमेटी का भी गठन किया है। वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा कि यह वजह है कि उन्होंने शनिवार से प्रस्तावित अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठने वाले फैसले को वापस ले लिया है।
अन्ना ने भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ा आंदोलन चलाया था
गौरतलब है कि भूख हड़ताल की घोषणा करते हुए अन्ना हजारे ने कहा था कि वह लंबे समय से कृषि क्षेत्र में सुधार की मांग कर रहे हैं, लेकिन केंद्र सरकार इस दिशा में कोई कार्रवाई करती दिखाई नहीं दे रही है। उन्होंने कहा था कि सरकार में किसानों के प्रति कोई संवेदनाएं नहीं बची हैं। जिसकी वजह से मुझे 30 जनवरी से भूख हड़ताल शुरू करनी पड़ रही है। इसके साथ ही अन्ना हजारे ने कोनोना वायरस के प्रकोप के चलते अपने समर्थकों से उनके गांव न आने की अपील की। आपको बता दें कि अन्ना हजारे ने 2011 में भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ा आंदोलन चलाया था।
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केंद्र सरकार खेती को लाभकारी बनाने के लिए प्रतिबद्ध
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास, पंचायत राज तथा खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र सरकार खेती को लाभकारी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। संसद के संयुक्त अधिवेशन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण में कृषि और ग्रामीण विकास क्षेत्र की प्रगति का उल्लेख किए जाने पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि सरकार ने देश के छोटे व मझौले स्तर के किसानों का जीवन स्तर ऊंचा उठाने के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी है।