scriptAmritsar : 416 साल पहले आज के दिन स्वर्ण मंदिर में हुई थी “पवित्र ग्रंथ साहिब” की स्थापना, जानें इसकी अहमियत | Amritsar : "Holy Scripture Sahib" was established in Golden Temple on this day 416 years ago, know its importance | Patrika News
विविध भारत

Amritsar : 416 साल पहले आज के दिन स्वर्ण मंदिर में हुई थी “पवित्र ग्रंथ साहिब” की स्थापना, जानें इसकी अहमियत

अमृतसर के हरमंदिर साहिब में 27 अगस्त के दिन ग्रंथ साहिब की स्थापना हुई थी।
ग्रंथ साहिब वह ग्रंथ है जिसका संपादन सिखों के 5वें गुरू अर्जुन देव ने भाई गुरुदास से करवाया था।
इस बार सिख पंथ के लोग अमृतसर में गुरु ग्रंथ प्रकाश की चौथी शताब्दी मना रहा है।

Aug 27, 2020 / 09:08 am

Dhirendra

guru sahib

अमृतसर के हरमंदिर साहिब में 27 अगस्त के दिन ग्रंथ साहिब की स्थापना हुई थी।

नई दिल्ली। प्रत्येक धर्म में ग्रंथों का अपना एक विशेष महत्व होता है और दुनियाभर में इसके मानने वाले होते हैं। ठीक उसी तरह हर धर्म में कुछ पवित्रतम स्थान व ग्रंथ होते हैं। जैसे हिंदुओं में रामायण और अयोध्या, मुसलमानों में कुरान और मक्का, इसाइयों में बाइबिल आदि। यही स्थान सिखों में गुरू ग्रंथ साहिब को हासिल है। गुरु ग्रंथ साहिब पूजनीय व पवित्र ग्रंथ है। इसके साथ ही सिखों में अमृतसर का वही स्थान हासिल है जो हिंदुओं में अयोध्या का।
दरअसल, सिख धर्म के इतिहास में 27 अगस्त का विशेष महत्व है। सिखों के लिए सर्वाधिक श्रद्धेय अमृतसर के हरमंदिर साहिब में 1604 को 27 अगस्त ही के दिन ग्रंथ साहिब की स्थापना की गई थी।
चीन का नया पैंतरा, अब भारत के साथ मॉस्को में चाहता है द्विपक्षीय वार्ता

श्री गुरु ग्रंथ साहिब की अहमियत

सिख धर्म में स्थापित परंपरा के मुताबिक जब सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह के संघर्षमयी जीवन का अंत निकट आ रहा था तब एक दिन उनके परम श्रद्धालुओं में से एक भाई नंदलाल ने उनसे पूछा की उनके बाद गुरु कौन होगा? गुरु गोविंद सिंह ने उत्तर दिया कि उनके बाद गुरु ग्रंथ ही सिखों के गुरु होंगे।
उन्होंने कहा था कि “आत्मा गुरु ग्रंथ में, शरीर पंथ का, परचा शब्द का, दीदार ख़ालसे का और ओट अकाल की होगी। दसवें गुरु के ‘ज्योती जोत समा जाने’ के साथ ही देहधारी गुरु की परंपरा समाप्त हो गई। नई प्रथा शब्द गूरु की तभी से प्रचलन में है।
ग्रंथ साहिब वह ग्रंथ है जिसका संपादन सिखों के पांचवें गुरू अर्जुन देव ने भाई गुरुदास से करवाया था। 1604 में सिखों के सबसे पवित्र स्थान हरिमंदिर साहेब में स्थापित किया गया। गुरु अर्जुन देव ने गुरु ग्रंथ को अपने से ऊंचा स्थान दिया था।
इस बार सिख पंथ के लोग अमृतसर में गुरु ग्रंथ प्रकाश की चौथी शताब्दी मना रहा है। गुरु ग्रंथ साहब की 400वें स्थापना दिवस में देश-विदेश से लाखों लोगों के शामिल होने का अनुमान है।
Bihar Assembly Election 2020 : तेजप्रताप नई सीट हसनपुर से लड़ेंगे चुनाव, आज लालू से मिलकर लेंगे इजाजत

जानिए 27 अगस्त की तारीख पर दर्ज देश दुनिया की कुछ अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं सिलसिलेवार ब्यौरा
1604 : अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में आदि ग्रंथ साहिब की स्थापना।

1870 : भारत के पहले मजदूर संगठन के रूप में श्रमजीवी संघ की स्थापना की गई।

1907 : क्रिकेट के सर्वकालिक महान बल्लेबाज सर डॉन जॉर्ज ब्रैडमैन का जन्म।
1939 : जेट ईंधन वाले विश्व के पहले विमान ने जर्मनी से पहली उड़ान भरी।

1947 : आजादी मिलने के 12 दिन के भीतर देश की अपनी संवाद समिति प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया की स्थापना।
1950 : टेलीविज़न की दुनिया के इतिहास में बीबीसी ने पहली बार सीधा प्रसारण किया।

1985 : नाइजीरिया में सैनिक क्रांति में मेजर जनरल मुहम्मद बुहारी की सरकार का तख्ता पलट। जनरल इब्राहिम बाबनगिदा नए सैनिक शासक बने।
1990 : वाशिंगटन स्थित इराकी दूतावास के 55 में से 36 कर्मचारियों को अमरीका ने निष्कासित कर दिया।

1991 : मालदोवा ने सोवियत संघ से आजाद होने की घोषणा की।

1999 : भारत ने कारगिल संघर्ष के दौरान अपने यहां बंदी बनाए गए पाकिस्तानी युद्धबंदियों को रिहा किया।
1999 : सोनाली बनर्जी भारत की प्रथम महिला मैरिन इंजनियर बनीं।

2003 : 60 हजार वर्षों के अंतराल के बाद मंगल पृथ्वी के सबसे नजदीक पहुंचा।

2018 : सस्ती उड़ान सेवा देने वाली विमानन कंपनी स्पाइसजेट ने देश की पहली जैव जेट ईंधन से चलने वाली परीक्षण उड़ान का परिचालन किया।

Hindi News / Miscellenous India / Amritsar : 416 साल पहले आज के दिन स्वर्ण मंदिर में हुई थी “पवित्र ग्रंथ साहिब” की स्थापना, जानें इसकी अहमियत

ट्रेंडिंग वीडियो