नर्सों के हड़ताल पर जाने के कारण अस्पताल में मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कई मरीज स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए परेशान हो रहे हैं। कोरोना संकट के बीच बिहार के पटना में मरीजों के लिए परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। पहले अस्पताल में बेड मिलने में परेशानी तो अब बेड मिलने के बाद स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव। एम्स की चार सौ कॉन्ट्रैक्चुअल नर्सें के हड़ताल पर जाने से इनकी मुश्किलें और बढ़ गई हैं। आपको बता दें कि पटना एम्स बिहार का इकलौता केंद्रीय हॉस्पिटल है, जहां कई वीवीआईपी कोरोना मरीजों का इलाज चल रहा है।
कोरोना संकट के बीच सख्त हुई सरकार, अब मास्क ना पहनने पर देना होगा 1 रुपए जुर्माना, दो साल की सजा को लेकर पास हुआ अध्यादेश इन मांगों को चलते हड़ताप पर नर्सेंहड़ताल पर गईं नर्सों ने अपनी नौकरी की सुरक्षा, वेतन को बढ़ाने, हेल्थ इंश्योरेंस, स्थायी कर्मचारियों की तरह छुट्टी समेत कई मांग की है।
प्रशासन ने कहा हमने मानी कुछ मांगें फिर हड़ताल जारी
एम्स प्रशासन का कहना है कि हमने कुछ मांगों को मान लिया है। हालांकि अभी भी नर्सों की हड़ताल जारी है। इसका खामियाजा मरीजों को उठाना पड़ रहा है।
जिला प्रशासन ने उठाए सख्त कदम
पटना एम्स में नर्सों के हड़ताल को देखते हुए जिला प्रशासन ने वहां पर मजिस्ट्रेट और पुलिस बल की तैनाती कर दी है। प्रदर्शन स्थल पर भी पुलिस बल तैनात किया गया है। इसके साथ-साथ एम्स के गेट पर आने-जाने वालों की चेकिंग की जा रही है, ताकि बाहरी लोग अनावश्यक रूप से एम्स में नहीं प्रवेश कर जाए।
बीजेपी के दिग्गज नेता का सनसनीखेज आरोप, बॉलीवुड के कुछ सितारों का पाकिस्तान के आईएसआई से है कनेक्शन, जानें पूरा मामला दरअसल बिहार में पहले ही कोरोना मरीजों को अस्पताल में बेड ना मिलने की वजह से उन्हें यहां-वहां भटकना पड़ रहा है। ऐसे में बड़ी संख्या में नर्सों के हड़ताल पर चले जाने से अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर भी बुरा असर पड़ रहा है। इसका खामियाजा कोरोना के मरीजों को ही भुगतना पड़ रहा है।