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कृषि बिलों को लेकर किसान कर रहे हैं आंदोलन, एक ट्रैक्टर भी फूंका, अकाली दल ने भी साथ छोड़ा
उल्लेखनीय है कि कृषि बिलों के विरोध में पंजाब, हरियाणा और कर्नाटक जैसे कई राज्यों में किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी मुद्दे पर प्रदर्शन करते हुए सोमवार को दिल्ली में किसानों ने इंडिया गेट पर एक ट्रेक्टर को आग लगा दी थी जिसे बाद में फायर ब्रिगेड तथा पुलिस ने बुझाया। इस मुद्दे को लेकर भाजपा के सबसे पुराने सहयोगी दल शिरोमणि अकाल दल ने भी एनडीए से नाता तोड़ लिया है और सड़क पर विरोध में उतर आया है। विपक्षी दल इस मुद्दे पर देशव्यापी आंदोलन चला रहे हैं। उनका मानना है कि इन बिलों के लागू होने से फसल खरीद का पूरा काम बड़ी कंपनियों के हवाले कर दिया जाएगा और एमएसपी की व्यवस्था खत्म हो जाएगी। इससे किसानों को शोषण हो सकता है।
495.37 लाख टन धान खरीद का है लक्ष्य
रिपोर्ट्स के अनुसार सरकार ने वर्ष 2020-21 में खरीफ के दौरान कुल 495.37 लाख टन धान खरीद का लक्ष्य रखा है। इसी लक्ष्य को पूरा करने के लिए सरकार खरीद कर रही है। सरकार ने कहा कि तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना और हरियाणा में कुल 13.77 लाख टन खरीद दाल और तिलहन खरीदने की मंजूरी दी गई है। इसके लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं और खरीद का क्रियान्वयन भी आरंभ कर दिया गया है। कपास की खरीद के लिए एक अक्टूबर से कार्य आरंभ किया जाएगा।
राज्य सरकार, केन्द्रशासित प्रदेश तथा FCI को दी किसानों की समस्या दूर करने की सलाह
कृषि मंत्रालय ने बताया कि हरियाणा और पंजाब के किसानों से 27 सितंबर तक 1,868 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी पर 5,637 टन धान की खरीद की गई है। सरकार ने पूरे देश में फसल खरीद के लिए रखे गए लक्ष्य भी जनता के सामने रखें। खाद्य मंत्रालय के अनुसार धान की खरीद पूरे देश में शुरू की जा चुकी है। सभी राज्यों, केन्द्रशासित प्रदेशों तथा भारतीय खाद्य निगम को भी किसानों का ध्यान रखते हुए उनकी परेशानी दूर करने तथा एमएसपी भुगतान सुनिश्चित करने की सलाह दी गई है।