COVID-19 के बाद अब वायु प्रदूषण, चार माह बाद राजधानी दिल्ली की AQI खराब
जून 2020 के बाद से अब पहली बार दिल्ली की वायु गुणवत्ता ( AQI ) ‘खराब’ श्रेणी में आई।
मंगलवार तक हवा की गुणवत्ता मध्यम श्रेणी के उच्च अंत में पहुंच चुकी थी।
मौसम की स्थिति में बदलाव और पड़ोसी राज्यों में खेत की आग से धुएं की वजह से बदलाव।
After COVID-19 in Capital, Delhi AQI hits poor category since June 2020
नई दिल्ली। कोरोना वायरस से जूझ रही राजधानी दिल्ली की वायु गुणवत्ता इस साल जून के बाद पहली बार बुधवार सुबह खराब श्रेणी में पहुंच गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के मुताबिक बुधवार सुबह 10 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक ( AQI ) की रीडिंग 207 (खराब जोन में) में पाई गई थी।
सफ़र बुलेटिन के मुताबिक, “रात की शांत सतह की हवा की स्थिति कल बदली और अगले दो दिनों तक ऐसा होने की संभावना है। 9 और 10 अक्टूबर तक हवा की गुणवत्ता में और गिरावट होने की उम्मीद है लेकिन AQI रीडिंग खराब श्रेणी में रहेगी। पंजाब, हरियाणा और आस-पास के सीमावर्ती क्षेत्रों के आसपास मंगलवार को पराली जलाने में बढ़ोतरी देखी गई। दिल्ली में प्रदूषक तत्वों के परिवहन और संचय के लिए सीमा-परत की हवा की दिशा और गति अनुकूल है, और आने वाले दिनों में हवा की गुणवत्ता बिगड़ने की आशंका है।”
केंद्र सरकार की वायु गुणवत्ता निगरानी और पूर्वानुमान विंग सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) के मुताबिक PM 2.5 आमतौर पर सर्दियों के दौरान मुख्य प्रदूषक है। वायु गुणवत्ता के मामले में इस वर्ष जनवरी और फरवरी के बाद जिसमें कई ‘खराब’ श्रेणी के दिन थे, मार्च, मई और जून में केवल दो ‘खराब’ श्रेणी के दिन दर्ज किए गए थे। अप्रैल, जुलाई, अगस्त और सितंबर में केवल ‘संतोषजनक’ और ‘मध्यम’ दिन थे। वर्ष 2015 के बाद अगस्त सबसे साफ महीना था जब वायु गुणवत्ता के लिहाज से चार ‘अच्छे’ दिन दर्ज किए गए।
मंगलवार रात का तापमान 18.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से तीन डिग्री कम था, जबकि अधिकतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री अधिक 36 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।