भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक जम्मू-कश्मीर में सोमवार रात 9 बजकर 27 मिनट 37 सेकेंड पर 3.2 तीव्रता का भूकंप आया। जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश (चंबा) बॉर्डर पर इस भूकंप का केंद्र जमीन से 10 किलोमीटर नीचे था।
वहीं, इससे पहले सोमवार को ही दोपहर 12 बजकर 57 मिनट पर जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश (चंबा) बॉर्डर पर 2.7 तीव्रता के भूकंप से धरती हिली। इसका केंद्र जमीन में 5 किलोमीटर नीचे था।
इससे पहले जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश (चंबा) बॉर्डर पर ही सोमवार दोपहर 12.40 बजे 3.2 तीव्रता के भूकंप ने लोगों को दहशत में डाल दिया। जमीन के 5 किलोमीटर नीचे इस भूकंप का केंद्र था।
जबकि सोमवार तड़के 6.40 बजे जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश (चंबा) बॉर्डर पर ही 5.0 तीव्रता वाला भूकंप का जोर का झटका लगा। यानी एक ही दिन में जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश (चंबा) बॉर्डर इलाके के लोगों को चार बार भूकंप के झटकों का सामना करना पड़ा।
वहीं, इससे पहले रविवार को इसी स्थान पर 4.9 तीव्रता का भूकंप रात 2.34 बजे आया। इसके 5 मिनट पहले ही 2.29 बजे 3.8 तीव्रता का भूकंप जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश (चंबा) बॉर्डर पर आया, जिसका केंद्र जमीन के 5 किलोमीटर नीचे था।
गौरतलब है कि भौगोलिक रूप से चिनाब घाटी का ज्यादातर हिस्सा पहाड़ी है और यह सक्रिय सीस्मिक क्षेत्र है। लगातार आ रहे भूकंप के झटकों के चलते घाटी के लोग बार-बार अपने घरों से बाहर निकलने को मजबूर हो रहे हैं।
इस संबंध में एक स्थानीय व्यक्ति परवेज ने बताया कि लगातार दो दिनों से एक के बाद एक आ रहे भूकंपों से लोगों में डर बैठ गया है। सोमवार को आए भूकंप के चलते घरों में दरारें पड़ गईं, जिनसे इनके गिरने का खतरा बन गया है। लोग आज अपने घरों से बाहर निकल आए। अगर दो-तीन भूकंप घाटी में और आ जाएं, तो यहां के घर-इमारत ढह जाएंगे।
हालांकि अभी तक इस क्षेत्र से किसी भी जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है।