जीएसआई अनुसंधानकर्ताओं ने अपने शोध में इस बात पर जोर दिया है कि यह पहली बार है, जब क्षेत्र में संभवत: टाइटैनोसॉरियाई मूल के सॉयरोपॉड के अवशेष मिले हैं।
जीएसआई अनुसंधानकर्ताओं की मानें तो मेघालय देश का पांचवा ऐसा राज्य बन गया है जहां से डायनासोर को लेकर अवशेष मिले हैं। इससे पहले गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और तमिलनाडु से डायनासोर को लेकर अवशेष और कई तरह की जानकारियां मिल चुकी हैं। खास बात यह है कि पूर्वोत्तर में मेघालय डायनासोर के अवशेष मिलने वाला पहला राज्य है, जहां टाइटैनोसॉरियन मूल के सॉरोपोड की हड्डियां मिली हैं।
टाइटैनोसॉरियन मूल के सॉरोपोड डायनासोर की बात की जाए तो जीएसआई अनुसंधानकर्ताओं के मुताबिक सॉरोपॉड की लंबी गर्दन, लंबी पूंछ, शरीर के बाकी हिस्से की तुलना में छोटा सिर, चार मोटी एवं खंभे जैसी टांग होती हैं।
आपको बता दें कि हाल में एक अध्ययन में ये बात सामने आई थी कि करीब 42 अरब डायनासोर ने पृथ्वी पर राज किया। वैज्ञानिकों के अध्ययन के मुताबिक लगभग 6.6 करोड़ साल पहले एक शहर के आकार जितना बड़ा एस्टेरॉयड पृथ्वी से टकराया। यह टक्कर इतनी भीषण थी कि इसके चलते डायनासोर के साथ-साथ पृथ्वी पर से 75 फीसदी जीवन विलुप्त हो गया।