अवैध स्लाटर हाउस बंद होने से प्रदेश में आवारा पशुओं की बाढ़ आ गयी। हालात ये है कि किसानों को खेती करना मुश्किल हो गया है, जिसका प्रदेशभर में जोर-शोर से विरोध हो रहा है। किसानों की इसी समस्या को हल करने के मकसद से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की 12 जेलों में गौशाला खोलने की योजना के लिए बुधवार को दो करोड़ रुपये का फंड जारी कर दिया है।
सरकार ने गौसेवा आयोग के मानक के अनुरूप जुलाई 2017 में कारागार विभाग से गौशाला खोलने के लिए जेलों के चयन की रिपोर्ट मांगी थी। रिपोर्ट मिलने के बाद सरकार ने इसकी जिम्मेदारी सीएनडीएस (यूपी जल निगम), यूपी प्रोजक्ट कॉरपोरेशन लिमिटेड और पुलिस आवास निगम को सौंपी है।
कन्नौज, आगरा, बाराबंकी, सीतापुर मेरठ, गोरखपुर, सुल्तानपुर, कानपुर देहात, बलरामपुर, गौमतबुद्ध नगर, फिरोजाबाद, और रायबरेली के जेलों में गौशाला खोली जाएंगी।
पायलट प्रोजेक्ट के तहत योजना पर शुरू हो रहा है काम
मेरठ जेल अधीक्षक बीडी पांडे ने बताया कि यूपी में चार जेलों में पहले पायलट प्रोजेक्ट के तहत यह योजना लागू की गई थी। इन चार जेलों को शामिल करते हुए 12 जेल में गौशाला खोलने की योजना है। जिनमें मेरठ जेल के बारे में बताया जा रहा है कि यहां भी गौशाला खोली जाएगी। शुरुआत में एक जेल की गौशाला में 28 गायों को रखा जाएगा, उसके बाद इसकी संख्या बढ़ाई भी जा सकती है। इन गायों के देखभाल की जिम्मेदारी वहां के कैदियों की होगी।
उत्तर प्रदेश गौ-सेवा आयोग के अध्यक्ष राजीव गुप्ता (रिटायर्ट आईएएस) ने गौशाला खोलने का प्रस्ताव तैयार किया था। उनके अनुसार, गायों की सेवा करने से कैदियों की सोच में परिवर्तन होगा। इसके साथ कैदियों को दूध और जैविक खेती से मिले अनाज और सब्जियां भी खाने को मिलेंगी और दुग्ध व्यवसाय को भी बढ़ावा दिया जा सकता है।