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दिन में ही हो गई रात, आंधी से उखड़े पोल और पेड़, बारिश ने फसलों को पहुंचाया नुकसान उन्होंने बताया कि प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में श्रमिकों को उनके घर भेजा जा रहा है। ये लोग वे हैं जो यहां पर शेल्टर होम में या फिर और कहीं रह रहे थे। इनका रजिस्ट्रेशन कर पूरी स्वास्थ्य जांच के बाद ही इनको बस में बैठने दिया जा रहा है। यूपी के अन्य जिलों में श्रमिकों को भेजा जा रहा है। घर वापसी के लिए कई श्रमिकों ने अपना पंजीयन कराने के बाद ही उन्हें प्रशासन की ओर से घर भेजने की व्यवस्था की जा रही है। बता दें कि यहां पर कई श्रमिकों को तो दो वक्त की रोटी भी नहीं मिल रही है। थर्मल स्क्रीनिंग के बाद खाना और पानी की बोतल के साथ बसों में बिठाकर श्रमिकों को भेजा जा रहा है।