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जो पार्टी जीती, लोक सभा में हारी कर्नाटक में जो भी पार्टी विधानसभा का चुनाव जीतती है, वह अगला लोकसभा चुनाव हार जाती है। साल 2004 में जनता दल सेक्यूलर (जेडीएस) ने कर्नाटक में सरकार बनाई थी, लेकिन इसी साल हुए लोकसभा चुनाव में जेडीएस को हार का सामना करना पड़ा था। साल 2008 में बीजेपी ने कर्नाटक में सरकार बनाई थी और 2009 का लोकसभा चुनाव हार गयी थी। साल 2013 में कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बनी। अगले ही साल 2014 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी की जीत हुई। लोकसभा चुनाव में कर्नाटक की 28 सीटों में से बीजेपी ने 17 सीटें और कांग्रेस ने सिर्फ नौ सीटें जीती थी। जबकि 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को सिर्फ 40 सीटें मिली थीं। इस हिसाब से देखा जाए तो 2018 में कर्नाटक जीतने वाले को 2019 में लोकसभा चुनाव गंवाना पड़ सकता है।
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वेस्ट यूपी में ‘मिशन बवाल’ में होनी थी दो जातियों के नेताआें की हत्या, दलितों की मदद के नाम पर हो रहे थे ये काम जारी है नेताओं की जुबानी जंग इस बीच नेताओं की जुबानी जंग भी जारी है। सभी पार्टियों ने अपनी-अपनी सरकार बनाने और बहुमत मिलने का दावा किया है। वर्तमान मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बीएस येदियुरप्पा को दिमागी तौर पर अस्थिर बताया है। उन्होंने एक बार फिर भाजपा और जेडीएस के बीच गठबंधन की बात को दोहराया है। बीजेपी के सीएम पद के दावेदार बीएस येदियुरप्पा के 150 सीटें जीतने के दावे पर मौजूदा सीएम सिद्धारमैया ने सवाल उठाया है। सिद्धारमैया का कहना है कि येदियुरप्पा दिमागी रूप से बीमार हैं, भाजपा प्रत्याशी येदियुरप्पा ने कहा कि कर्नाटक की जनता सिद्धारमैया सरकार से परेशान हो चुकी है। हम 150 से ज्यादा सीटें जीतेंगे और सरकार बनाएंगे। सिद्धारमैया ने दावा किया है कि कर्नाटक में एक बार फिर से कांग्रेस सत्ता में आएगी और बहुमत से आएगी। कांग्रेस 120 सीटें जीतेगी और उनकी खुद की दो सीटों (बादामी और चामुंडेश्वरी) पर जीत तय है। जब उनसे यह पूछा गया कि क्या वह चुनाव को लेकर नर्वस हैं, उन्होंने कहा कि क्या किसी को ऐसा लगता है। वह पूरी तरह स्वस्थ हैं और चुनाव जीतने को लेकर आश्वस्त भी।