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एनआर्इए ने स्लीपिंग माॅड्यूल्स की तलाश में की छापेमारी तो इन गांवों में मच गया हड़कंप, देखें वीडियो 20 साल में पकड़े गए दो दर्जन खुफिया एजेंसी आईएसआई की घुसपैठ पश्चिमी उत्तर प्रदेश के भीतर काफी अंदर तक हैं। करीब 20 साल में सूबे के इस क्षेत्र के अलग-अलग जिलों से आईएसआई और आईएस एजेंट के अलावा आतंकियों की मदद करने वाले उनके करीब दो दर्जन साथियों को पकड़ा जा चुका है। जिनकी गतिविधियां ज्यादा ही संदिग्ध रही है। पकड़े गए लोगों से पूछताछ में पता चला कि मेरठ के अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों में आईएसआई के लिए काम करने वाले स्लीपिंग मॉड्यूल छिपे रहते हैं। थोड़े से रुपये के लालच में ये लोग देश की सुरक्षा और देशवासियों की जान को दाव पर लगा देते हैं। इनपुट मिलने पर ही एनआईए और एटीएस ने आतंकी नेटवर्क को तोड़ने के लिए 16 जिलों में एक साथ छापेमारी की थी। आतंकियों के नापाक मंसूबों को नाकामयाब करने में सुरक्षा एजेंसियों को सफलता भी हाथ लगी है। जांच एजेंसियों के सूत्रों के अनुसार आईएसआई देश की राजधानी और प्रमुख जिलों में नए साल और गणतंत्र दिवस 26 जनवरी के आसपास बड़ी आतंकी वारदात को अंजाम देने की फिराक में लगी है। इनपुट के अनुसार आईएसआई का निशाना दिल्ली, एनसीआर और वेस्ट यूपी का कोई जनपद थे। इसके अलावा इसकी भी चर्चा है कि देश को अस्थिर करने के लिए आईएसआई के निशाने पर प्रमुख नेता और संस्थान हैं। इस इनपुट पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) के साथ ही देश की तमाम खुफिया और जांच एजेंसियां सतर्क हो गईं।
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एनआर्इए की छापेमारी में मौत का सामान घर में इनके भीतर छुपाकर रखा गया था, देखें वीडियो मदरसे एटीएस के रडार पर रार्धना के जिस मदरसे से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को मदद मिल रही थी। अब उसके जैसे करीब दर्जनों मदरसे एटीएस के रडार पर आ गये हैं।