इस बार अगस्त में मानसूनी बारिश में खासी गिरावट चौंकाने वाली है। इससे पहले के साल में अगस्त माह में ही 50 मिलीमीटर से कम बारिश रिकार्ड की गई थी। वहीं वर्ष 2014 में 41ः2 और 2005 में 43 मिलीमीटर बारिश रिकार्ड की गई । मौसम विभाग के मुताबिक सितंबर के पहले सप्ताह में बारिश के आसार नहीं के बराबर हैं। वहीं आगामी नौ और 10 सितंबर को बारिश की संभावना है। बता दें कि अगस्त में मानसून पूरी तरह से पश्चिमी उप्र से दूर ही रहा। वर्ष में अभी तक सबसे अधिक बारिश वाला महीना जुलाई रहा। जबकि अगस्त को ही दूसरा सबसे अधिक बारिश वाला माहीना बताया जा रहा है। यह महीना मौसम में बदलाव लाने का कारक बना है। कृषि के लिए बारिश महत्वपूर्ण होती है।
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लेकिन इस बार केवल 37ः6 मिली मीटर बारिश होने से किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बताया जाता है कि पिछले 32 साल के अंतराल में इस बार अगस्त के महीने में सबसे कम बारिश हुई है। मेरठ में मानसूनी सीजन में अभी तक बारिश 82 फीसद कम हुई है। जो कि सामान्य की तुलना में अगस्त में रिकार्ड की है। मेरठ के मोदीपुरम कृषि अनुसंधान संस्थान के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानी डा0 एन सुभाश ने बताया कि मानसून का व्यवहार अप्रत्याशित रहा है। जुलाई में बारिश सामान्य रहीं। जबकि सितंबर के पहले सप्ताह में पश्चिम उप्र में जिस प्रकार की बारिश होने भी नहीं हुई है। जिसके चलते तापमान में वृद्धि और उमस बरकरार है।