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Radha Ashtami 2018: इस दिन है राधाष्टमी, इसके बिना अधूरी है कृष्ण जन्माष्टमी की पूजा विश्वकर्मा देव की एेसे करें पूजा भगवान विश्वकर्मा को ब्रह्मांड का रचियता कहा जाता है। एेसा माना जाता है कि भगवान ब्रह्मा के कहने पर विश्वकर्मा ने यह दुनिया बनार्इ थी। कन्या संक्रांति के दिन भगवान विश्वकर्मा की पूजा विशेष महत्व रखती है। यदि इस दिन पूरे विधि-विधान से पूजा की जाए तो सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। खासतौर पर व्यापार वर्ग की सभी कठिनार्इ समाप्त हो जाती हैं आैर धन-सम्पदा से घर भर जाता है। 17 सितंबर सोमवार को पूजा के लिए सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद पूजा स्थल को साफ करें आैर भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। इसके बाद दीपक जलाकर पुष्प व अक्षत के साथ भगवान विश्वकर्मा का ध्यान लगाएं।
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Ganesh Chaturthi 2018: इस मिट्टी से प्रतिमा बनाकर गणेश जी की करें पूजा, तो जीवन में देखने को मिलेंगे चमत्कार इस विश्वकर्मा मंत्र का जाप करें फिर इस मंत्र का जाप करें- आेम आधार शक्तये नमः, आेम कूमयि नमः, आेम अन्नतम नमः, आेम पृतिव्यै नमः। इस मंत्र का इच्छानुसार सच्चे मन से जाप करें। मंत्र जाप करने के बाद आरती करें। फिर अपने व्यवसाय के आैजारों आैर यंत्रों की पूजा करके हवन करें। हवन के दौरान भी इस मंत्र का जाप कर सकते हैं। पंडित महेंद्र कुमार शर्मा का कहना है कि कन्या संक्रांति पर भगवान विश्वकर्मा की इस तरह विधि-विधान से पूजा सम्पन्न करने पर आने वाले दिनों में आपके व्यापार की प्रगति होगी आैर धन-सम्पदा की कमी नहीं रहेगी। भगवान विश्वकर्मा की पूजा इसी तरह रोजाना भी की जा सकती है।