scriptvishwakarma jayanti 2018: आज है विश्‍वकर्मा जयंती, ऐसे करें पूजा | vishwakarma jayanti 2018 and puja kab hai aur kyu manai jati hai | Patrika News
मेरठ

vishwakarma jayanti 2018: आज है विश्‍वकर्मा जयंती, ऐसे करें पूजा

इस वर्ष 2018 में विश्वकर्मा जयंती (Vishwakarma Jayanti) या विश्‍वकर्मा पूजा (Vishwakarma Puja) 17 सितंबर यानी सोमवार को पड़ रही है

मेरठSep 17, 2018 / 10:08 am

sharad asthana

Vishwakarma day

vishwakarma jayanti 2018: इस दिन होगी भगवान विश्‍वकर्मा की पूजा

मेरठ। विश्वकर्मा देव ने पूरी सृष्टि का निर्माण किया था। इन्हें सृष्टि का निर्माणकर्ता कहते हैं। इन्हें आज के समय अनुसार सृष्टि का इंजीनियर व आर्किटेक्ट भी कहा जाता है। इनकी पूजा प्रतिवर्ष इंजीनियर और शिल्पकार बड़े धूमधाम से करते हैं। इस दिन सभी निर्माण के कार्य में उपयोग होने वाले औजारों की पूजा होती है। पंडित कैलाश नाथ द्विवेदी के अनुसार, विश्वकर्मा जयंती प्रतिवर्ष कन्या संक्रांति के दिन मनाई जाती है। इस वर्ष 2018 में विश्वकर्मा जयंती (vishwakarma jayanti 2018) या विश्‍वकर्मा पूजा (vishwakarma puja) 17 सितंबर 2018 दिन सोमवार यानी आज मनाई जा रही है। इस दिन फैक्ट्री और अन्‍य कार्य क्षेत्र में विश्‍वकर्मा देव की धूमधाम से पूजा होगी। विश्वकर्मा को दिव्य इंजीनियर और ब्रहमांड के मुख्य वास्तुकार के रूप में जाना जाता है।
यह भी पढ़ें

इस दिन इसलिए मनाया जाता है हिंदी दिवस, ये हैं hindi diwas slogan

पुरातन में इन नगरों का किया था निर्माण

पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान विश्‍वकर्मा ने भगवान कृष्ण की नगरी द्वारिका का निर्माण किया था। इन्होंने ही युधिष्ठिर की नगरी इन्द्रप्रस्थ का निर्माण किया था और अपनी कला से इसे मायावी रूप दिया था। इन्होंने ही सोने की लंका को बसाया था।
यह भी पढ़ें

हिन्दी दिवस 14 सितंबर को क्यों मनाया जाता है?

सृष्टि निर्माण के साथ ही बनाए कई औजार

पूरी सृष्टि के निर्माण के साथ ही इन्होंने कई औजार भी बनाए। कई दिव्य शास्त्रों का निर्माण किया था। इसमें देवराज इंद्र का व्रज भी है। इन्हें महर्षि दधिची की हड्ड‍ियों से बनाया गया था। पंडित कैलाश नाथ ने बताया कि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सर्वप्रथम विष्णु ने अवतार लिया था। उनकी नाभि में कमल पुष्प में ब्रह्म देव विराजमान थे। ब्रह्म देव को सृष्टि का रचयिता कहा जाता है। अतः उन्होंने सबसे पहले धर्म को जन्म दिया। धर्म ने वस्तु नामक एक कन्या से विवाह किया। वह प्रजापति दक्ष की पुत्री थी। उनसे उन्‍हें वास्तु नामक पुत्र की प्राप्ति हुई। वास्तु भी शिल्पकार थे। विश्वकर्मा वास्तु की संतान थे, जो अपने पिता के समान ही श्रेष्ठ शिल्पकार बने और ब्रह्मांड का निर्माण किया।
यह भी पढ़ें

Ganesh Chaturthi 2018: गणेश चतुर्थी को लेकर नोएडावासी हैं Excited, सर्च कर रहे Mp3 songs

ऐसे करें भगवान विश्वकर्मा की पूजा

भगवान विश्‍वकर्मा की मूर्ति की स्‍थापना करने के बाद विराजित कर इनकी पूजा की जाती है। इस दिन इंजीनियर अपने कार्य स्थल, निर्माण स्थल की पूजा करते हैं। मजदूर वर्ग अपने औजारों की पूजा करते हैं। कारखानों में अवकाश रखा जाता है। बुनकर, बढ़ई व सभी प्रकार के शिल्पी इस दिन विश्वकर्मा देव की पूजा करते हैं। इस दिन कई स्थानों पर यज्ञ किया जाता हैं।

Hindi News / Meerut / vishwakarma jayanti 2018: आज है विश्‍वकर्मा जयंती, ऐसे करें पूजा

ट्रेंडिंग वीडियो