रविवार को जेल पहुंचा मुन्ना बजरंगी बागपत जिला जेल में बंद एक कैदी द्वारा दिए गए बयान में कहा गया है कि रविवार रात को सुनील राठी खाना खाकर जेल परिसर में टहल रहा था। इस दौरान सवा नौ बजे फिल्मी स्टाइल में जेल का मुख्य द्वार खुला और बाहर खड़ी एक एंबुलेंस को देखकर पुलिसकर्मी अलर्ट हो गए। एंबुलेंस को चेकिंग के बाद जेल के अंदर लाया गया। जिसमें से मुन्ना बजरंगी नीचे उतरा। जिसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने उसकी तलाश ली और तन्हाई बैरक की ओर ले गए।
विक्की सुन्हैड़ा ने किया स्वागत इसी बीच खेकडा थाने का कुख्यात विक्की सुन्हैड़ा मुन्ना बजरंगी के पास पहुंचा और गले मिलकर उसका स्वागत किया। वहीं जब बजरंगी को अलग बैरक में ले जाने लगे तो उसने पुलिसकर्मियों को विक्की को अपने पास रखने का इशारा किया। थोड़ी देर बाद बराबर वाली बैरक में बंद सुनील राठी उनकी बैरक में पहुंचा और तीन कुख्यात कैदियों के बीच जमकर हंसी के फव्वारे छूटने लगे। रात करीब एक बजे तीनों बैरक के बाहर मैदान में पहुंचे और मिलकर शराब पी। जिसके बाद विक्की व बजरंगी एक बैरक में सो गए और सुनील अपनी बैरक में चला गया।
सुबह की चाय पर हुई कहासुनी कैदी कैदी की मानें तो मुन्ना की मौत से पहले सुबह करीब पांच बजे बैरक खुली तो तीनों कैदी विक्की सुन्हैडा, मुन्ना बजरंगी और सुनील राठी बाहर आए और चाय का इंतजार करने लगे। इस दौरान चाय नहीं आई तो बजरंगी नहाने के लिए चल दिया। तभी सुनील की बजरंगी से किसी टेंडर की बात को लेकर कहासुनी हो गई। हालांकि इस बीच विक्की ने हस्तक्षेप कर मामला शांत कराया। तभी सुनील के पास एक फोन आया। जिसके थोड़ी देर बाद सुनील ने पिस्टल से बजरंगी पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी।
सुनील राठी ने दिया ये बयान सुनील ने एक के बाद एक फायर कर पूरी मैगजीन खाली कर दी। यह देखकर अन्य बैरकों से बाहर घूम रहे कैदियों में भी भगदड़ मच गई। इसके बाद सुनील अपनी बैरक में चला गया। वहीं इस दौरान पुलिसकर्मियों ने उसे घेर लिया और बैरक की तलाशी ली गई, लेकिन तालाशी में कुछ नहीं मिला। बाद में सुनील ने इतना जरूर कहा कि वह मुझे मारने आया था। मैंने उसे मार दिया। प्रत्यक्षदर्शी कैदी का दावा है कि सुनील पर पहले से पिस्टल थी। उधर, पुलिस ने राठी के मोबाइल की सीडीआर निकलवाई है, जिसमें साफ हो जाएगा कि इतनी सुबह कॉल करने वाला व्यक्ति कौन था?