मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद अब इस पूर्व विधायक ने जताया अपनी हत्या का डर
इस दिन शुरू हुर्इ थी बागपत जेल
बागपत जिला जेल का शुभारम्भ 16 मई 2016 को हुआ था।जेल की क्षमता 660 बंदियों की है।लेकिन जेल के शुरू होने के साथ ही इसमें क्षमता से अधिक बंदियों को ठूंस दिया गया।इनमें काफी कुख्यात बदमाश शामिल है। ये बदमाश जेल में भी गैंगों में बंटे हुए है।आए दिन इनके बीच खूनी संघर्ष होता रहता है।25 अगस्त 2017 को तो मेरठ का रहने वाला बंदी रिजवान चलती एम्बूलेंस से कूदकर फरार हो गया था।इसके बाद सुनील राठी गैंग ने उत्तरांचल के चिकित्सक से जेल से फोन कर रंगदारी मांगी थी।इस मामले को लेकर भी जेल प्रशासन की खूब छिछालीतर हुई थी।आरोपी बंदी रक्षकों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हुआ था।पिछले माह जेल से पेशी पर गया कुख्यात बदमाश जावेद भी पुलिस कर्मियों को चकमा देकर फरार हो गया था।जेल में कैदियों के बीच संघर्ष की भी घटनाएं होती रही है। इन सबके पीछे वास्तु दोष बताया जा रहा है।
एडीजी ने खोला राज बागपत जेल में क्यों नहीं लगे थे सीसीटीवी कैमरे
यह वास्तु दोष तो नहीं जेल में इन सब की वजह
गाजियाबाद के रहने वाले सुशील शास्त्री की माने तो जेल का मुख्य द्वारा पश्चिम दिशा में होना ही नहीं चाहिए।इससे जेल में दोष उत्पन्न हो जाता है।जिससे कैदी भी परेशान रहते है और प्रशासन भी।शास्त्री जी की माने तो जेल बनाने से पहले यह सब देखना चाहिए था।उनका कहना है कि शास्त्रों में इसका वर्णन किया गया है। किसी भी कारागार का द्वारा पश्चिम दिशा में अशुभ रहता है।शायद इसी का खामियाजा बागपत जनपद भुगत रहा है।जब से जेल का निर्माण हुआ है।तब से जेल में अशान्ति ही अशान्ति है।शास्त्री जी की बात को भले ही जिला प्रशासन महसूस न करें।लेकिन कई और लोग आज भी इसे दोष का ही कारण मान रहे है।